आमतौर पर देखा जाता है कि जैसी लोगों की देखनी होती है इंन्सान वह करने की कोशिश करता...
15 Dec, 2017 10:26 PMमुंबईः आमतौर पर देखा जाता है कि जैसी लोगों की देखनी होती है इंन्सान वह करने की कोशिश करता है, अर्थात् आजकल की ज्यादातर फिल्मों में ऐसी आपतिजनक चीजे भी दिखा दी जाती है जो परिवार एक साथ बैठ कर नही देख सकता। इसलिए इस पर रोकथाम लगाने के लिए मेनका गांधी ने पहला कदम उठाया है। इस संबंध में महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने बॉलीवुड के नामी फिल्म निर्माताओं को चिट्ठी भेजी है।
मंत्रालय की ओर से आमिर खान, करण जौहर, शाहरुख खान, महेश भट्ट, संजय लीला भंसाली, आदित्य चोपड़ा, अनुराग कश्यप सहित बॉलीवुड के 26 फिल्म निर्माताओं को निजी तौर पर पत्र भेजा है। जिसमें मेनका गांधी ने सभी प्रोडक्शन हाउसेज से कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीडन (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 को लागू करने के लिए कहा है।
मेनका गांधी की ओर से लिखा गया है कि बॉलीवुड में भी सभी महिलाओं को कार्यस्थल पर सुरक्षित और सद्भावनापूर्ण माहौल मिलना चाहिए। उन्होंने लिखा है, चूंकि ये सभी संस्थान इन फिल्म निर्माताओं के नेतृत्व में चल रहे हैं, ऐसे में नैतिक रूप से भी और कानूनन भी ये महिलाओं को सुरक्षित वातावरण देने के लिए जिम्मेदार हैं।
उन्होंने लिखा है कि सभी निर्माता न केवल अपने सीधे नियंत्रण वाले महिला स्टाफ को बल्कि आउटसोर्स से आने वाले या अस्थाई तौर पर बाहर से आकर काम करने वाले महिला स्टाफ को भी सुरक्षा प्रदान करें। मेनका गांधी ने सभी से कहा है कि वे कड़ाई से इस एक्ट को लागू करें।