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कानपुर में मनाई गई कुत्ते की तेरहवीं, फ्लफी की रूखसती से दुखी है परिवार

Updated 08 February, 2018 02:59:33 PM

जितना इंसान अपने परिवार के सदस्य से प्यार करता हैं उतना ही प्यार वह घर में रखे पालतू जानवर से करता हैं। जब वह उनसे बिछड़ते है तो उनके लिए उन्हें भूल पाना बेहद मुश्किल होता हैं। एेसे ही कालीबाड़ा इलाके में रहने वाला एक परिवार उस समय ग़म के सागर में डूब गया जब उन्हें पता चला कि उनका प्यारा कुत्ता फ्लपी अब इस दुनिया में नहीं रहा है।

मुंबई: जितना इंसान अपने परिवार के सदस्य से प्यार करता हैं उतना ही प्यार वह घर में रखे पालतू जानवर से करता हैं। जब वह उनसे बिछड़ते है तो उनके लिए उन्हें भूल पाना बेहद मुश्किल होता हैं। एेसे ही कालीबाड़ा इलाके में रहने वाला एक परिवार उस समय ग़म के सागर में डूब गया जब उन्हें पता चला कि उनका प्यारा कुत्ता फ्लपी अब इस दुनिया में नहीं रहा है। जिसे यह परिवार दिन-रात परिवार का हर शख्स लाड़-प्यार से रखता था, अब वो पालतू डॉगी उनका साथ छोड़ दुनिया से रूखसत हो गया था। परिवार ने फ्लफी की विदाई करते हुए ना सिर्फ उसका अंतिम संस्कार किया, बल्कि पूरे विधि-विधान से उसकी तेरहवीं का कार्यक्रम भी रखा।

कानपुर के हरजिंदर नगर के कालीबाड़ा में रहने वाली सुनीता सिंह के परिवार के सदस्य 15 वर्षीय फ्लफी की 26 मार्च को मौत हो गई थी। परिवार ने पूरे विधि विधान से उसका अंतिम संस्कार कराया और साथ ही तेरहवीं का अनुष्ठान गायत्री परिवार के पुरोहितों द्वारा संपन्न कराया। सुनीता उन दिनों को याद करती हैं जब उनकी छोटी बेटी ऋतु स्कूल के पास से फ्लफी को घर ले आई थी। पहले सुनीता को घर पर डॉग को रखना पसंद नहीं था, लेकिन फिर वो मान गई और फ्लफी से बेहद प्यार करने लगी।

भले ही कुत्ते का अंतिम संस्कार और तेरहवीं सुनने और देखने में अटपटा लगे, लेकिन कहते हैं ना कि Dogs are human's best friend। खुद को मिलने वाले प्यार के बदले पूरी वफादारी रखने वाले इन डॉग्स को इंसानों से सिर्फ प्यार की दरकार होती है। इस परिवार ने फ्लफी को उसके मरने के बाद भी वही जताने की कोशिश की है।  
 

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