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जब कोई फेमिनिज़्म को नकारता है तब मुझे दुख होता है: प्रियंका

Updated 12 October, 2017 09:59:49 AM

बॉलीवुड एक्ट्रैस प्रियंका चोपड़ा ने खुद को फेमिनिस्ट बताते हुए कहा है कि लोगों को यह नहीं सोचना चाहिए कि इस शब्द का मतलब पुरुषों को धमकाना या उनसे नफरत करना होता है। फेमिनिज़्म का मतलब यह कि जो निर्णय मैं लेती हूं उसके आधार पर आंके बगैर मुझे अवसर दीजिए, जिसकी आजादी मर्दों को सदियों से मिली हुई है। फेमिनिज़्म को मर्दों की ज़रूरत है।

मुंबई: बॉलीवुड एक्ट्रैस प्रियंका चोपड़ा ने खुद को फेमिनिस्ट बताते हुए कहा है कि लोगों को यह नहीं सोचना चाहिए कि इस शब्द का मतलब पुरुषों को धमकाना या उनसे नफरत करना होता है। फेमिनिज़्म का मतलब यह कि जो निर्णय मैं लेती हूं उसके आधार पर आंके बगैर मुझे अवसर दीजिए, जिसकी आजादी मर्दों को सदियों से मिली हुई है। फेमिनिज़्म को मर्दों की ज़रूरत है।

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प्रियंका ने बताया कि वे तब निराश महसूस करती हैं, जब कोई फेमिनिज़्म को नकारता है। उन्होंने कहा, "मेरी बहुत-सी ऐसी दोस्त हैं, जो कहती हैं कि वो फेमिनिस्ट नहीं है। मैं यह समझ नहीं पाती हूं। फेमिनिज़्म की ज़रूरत ही इसलिए है, क्योंकि महिलाओं को समान अधिकार नहीं थे। इसलिए यहां कोई मनुष्यवाद (humanism) नहीं है, क्योंकि उनके पास यह हमेशा से था।"

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आगे वह कहती है कि "मेरी परवरिश निडर बनने के लिए की गई थी। मेरे पिता मुझसे हमेशा कहते थे कि महिलाओं को हमेशा से सही तरीके से रहने, सही कपड़े पहनने या सही से बात करने को कहा जाता है। लेकिन मेरे माता-पिता हमेशा कहते थे कि हमें अपनी परवरिश में भरोसा है, तुम ठीक रहोगी।"

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