बॉलीवुड एक्ट्रैस रानी मुखर्जी ने अपनी कमजोरियों पर किस तरह काबू पाया इसका उन्होंने पहली बार खुलासा किया है। रानी ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि ''बचपन में मुझे हकलाने की बीमारी थी। मैंने इससे पहले कभी इस बारे में बात नहीं की, लेकिन अब चाहती हूं कि मेरी कहानी दूसरों को प्रेरित करे इसलिए ये बातें कर रही हूं।'' रानी मुखर्जी ने बताया, ''अपने करियर के शुरुआती दिनों में भी मुझे हकलाने की बीमारी थी
12 Dec, 2017 05:40 PMमुंबई: बॉलीवुड एक्ट्रैस रानी मुखर्जी ने अपनी कमजोरियों पर किस तरह काबू पाया इसका उन्होंने पहली बार खुलासा किया है। रानी ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि 'बचपन में मुझे हकलाने की बीमारी थी। मैंने इससे पहले कभी इस बारे में बात नहीं की, लेकिन अब चाहती हूं कि मेरी कहानी दूसरों को प्रेरित करे इसलिए ये बातें कर रही हूं।' रानी मुखर्जी ने बताया, 'अपने करियर के शुरुआती दिनों में भी मुझे हकलाने की बीमारी थी। मैं पूरी कोशिश करती थी कि मैं अपनी स्क्रिप्ट की लाइनें अच्छें से याद करके जाऊं जिससे किसी को मेरे हकलाने के बारे में पता ना चलें। डायलॉग बोलते समय मुझे पता होता था कि कहां रुकना है, कहां बोलना है जिससे किसी को मेरी इस बीमारी के बारे में पता ही नहीं चलता था। यह सिलसिला मेरी जिंदगी के 22 सालों तक चलता रहा।
रानी ने आगे बताया, 'यहां तक कि मेरे कई दोस्तों को भी इस बारे में नहीं पता था कि मुझे हकलाने की बीमारी है। शायद इसकी एक वजह यह भी थी कि मैं इसे अच्छी तरह छुपा जाती थी। जब मैंने अपने दोस्तों को इस बारे में बताया तो उन्होंने कहा कि सभी को इसके बारे में बताना चाहिए। जिससे मेरी कहानी से दूसरे प्रेरित हो सकें और अपनी कमजोरियों से लड़कर आगे बढ़ सकें।
साथ ही रानी मुखर्जी ने बताया कि 'पिता की मौत के बाद मैं डिप्रेशन का शिकार हो गई थी। इससे उबरने में मेरी बेटी आदिरा ने मदद की। जब भी मैं उसे हंसते हुए देखती मुझे काफी खुशी और पॉजिटिव एनर्जी मिलती थी। धीरे-धीरे करके मैं डिप्रेशन की बीमारी से उबर पाई।' बता दें कि रानी मुखर्जी के पिता राम मुखर्जी का निधन इसी साल अक्टूबर में हुआ था।