main page

पद्मावत के समर्थन में बोले विशाल भारद्वाज, कहा प्रदर्शनकारियों के साथ मिली है सरकार

Updated 28 January, 2018 12:20:47 AM

फिल्मकार विशाल भारद्वाज ने शुक्रवार को कहा कि लोगों को ‘पद्मावत’ के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन करने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि फिल्म को सेंसर बोर्ड और उच्चतम न्यायालय ने हरी झंडी दी है। जयपुर साहित्य महोत्सव के दूसरे दिन एक सत्र को संबोधित करते हुए निर्देशक और संगीतकार भारद्वाज ने आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारियों के साथ सरकार की मिली-भगत है। उन्होंने कहा, अगर उच्चतम...

मुंबईः फिल्मकार विशाल भारद्वाज ने शुक्रवार को कहा कि लोगों को ‘पद्मावत’ के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन करने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि फिल्म को सेंसर बोर्ड और उच्चतम न्यायालय ने हरी झंडी दी है। जयपुर साहित्य महोत्सव के दूसरे दिन एक सत्र को संबोधित करते हुए निर्देशक और संगीतकार भारद्वाज ने आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारियों के साथ सरकार की मिली-भगत है। उन्होंने कहा, अगर उच्चतम न्यायालय और सेंसर बोर्ड ने हरी झंडी दी है तो क्या समस्या है। अगर वे कह रहे हैं कि फिल्म में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है तो हमें सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।

 

भारद्वाज ने यह भी कहा कि अगर राज्य सरकारें प्रदर्शनों पर नियंत्रण करने में अक्षम है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। निर्देशक भारद्वाज ने कहा, लोग पहले भी आहत होते थे। अब आहत होने वालों को संरक्षण दिया जा रहा है। उन्हें कानून लागू करने वाली एजेंसियां पत्थर फेंकने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। जब निर्देशक ने बताए गए बदलावों को कर दिया है तो किसी को भी हिंसक प्रदर्शन में हिस्सा लेने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, भारतीय फिल्मों को आक्रामक तरीके से निशाना बनाया जा रहा है। फिल्म उद्योग बेहद दुखी है। डरावनी बात यह है कि प्रदर्शनकारी बच निकल रहे हैं।

 

भारद्वाज ने कहा, आज बंदूक आपके सिर पर है। अगर आपको अपनी सोच पर अंकुश लगाना है तो कैसे इसे लोकतांत्रिक समाज कहा जा सकता है। पहले आप प्रधानमंत्री और नीतियों की आलोचना कर सकते थे। अब आपको दो बार सोचना होगा। विवाद पर फिल्म बिरादरी के रुख के बारे में भारद्वाज ने कहा कि समुदाय एकजुट है। 

 

जयपुर साहित्य महोत्सव में पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने फिल्म ‘पद्मावत’ को लेकर हिंसा की स्थिति पर कहा कि जनता को हिंसा का रास्ता नहीं अपनाना चाहिए, बल्कि उचित मंच पर आकर अपनी बात रखनी चाहिए। उच्चत्तम न्यायालय का आदेश राज्य सरकारें मनवाने में विफल रहने के सवाल पर खुर्शीद ने कहा कि न्यायालय के फैसले पर वह कुछ नहीं कहना चाहते, लेकिन राज्य और देश की जनता अपना फैसला पांच साल में एक बार सुना सकती है, अगर कोई उनकी भावनाएं आहत करता है। फिल्म ‘पद्मावत’ तब विवादों में घिर गई जब विभिन्न राजपूत संगठनों ने इसमें इतिहास को गलत रूप में पेश करने का आरोप लगाया। हालांकि, फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली ने इन आरोपों का खंडन किया है।

:

vishal bhardwajpadmavatiBollywood

loading...