जैसे की आपको पता है कि हर देश की अपनी ही परंपराएं और मान्यताएं है लेकिन कुछ मान्यताएं आपको हैरत में डाल सकती है। जैसे यूपी के झांसी शहर की यह परंपरा।
31 Mar, 2015 12:37 PMझांसीः जैसे की आपको पता है कि हर देश की अपनी ही परंपराएं और मान्यताएं है लेकिन कुछ मान्यताएं आपको हैरत में डाल सकती है। जैसे यूपी के झांसी शहर की यह परंपरा।
रात को घड़ी में 2 बजते ही स्विपर्स का एक बड़ा ग्रुप सोना-चांदी ढूंढने में जुट जाता है। यह काम सुबह तब तक चलता रहता है जब तक कि ज्वैलर्स अपनी दुकान न खोल दें। 20-25 स्विपर्स सोने-चांदी की खोज ज्वैलरी की दुकानों के आस-पास गंदे सीवर लाइन, नालियों, सड़कों और कई अन्य जगहों पर करते हैं। सड़कों पर खोजने के लिए ये छोटे ब्रश का इस्तेमाल करते हैं। सोने के साथ-साथ उन्हें नोट और सिक्के मिलने की उम्मीद भी होती है।
आपको बता दें कि लोग इस काम को परंपरा के तौर पर लेते हैं और एक दूसरे की मदद भी करते हैं। स्विपर्स का कहना है कि इससे इन्हें फायदा भी खूब होता है। ढूंढने पर जो ज्वैलरी मिलती है, उन्हें ये ज्वैलर्स को बेच देते हैैं। हर दिन के इस काम से एक आदमी को 250 रुपए का फायदा होता है। वहीं, इस मेहनत की बदौलत इन्हें हर महीने कम से कम 1000-4000 रूपए का सोना तो मिल ही जाता है।