हर इंसान को रहने के लिए घर की जरूरत होती हैं। साथ ही जरूरत होती हैं घर में इस्तेमाल होने वाले जरूरी सामान की जो हमें हर घर में देखने को मिल जाता है लेकिन क्या किसी घर में कब्र हो सकती है?
28 Jun, 2015 05:13 PMइटावाः हर इंसान को रहने के लिए घर की जरूरत होती हैं। साथ ही जरूरत होती हैं घर में इस्तेमाल होने वाले जरूरी सामान की जो हमें हर घर में देखने को मिल जाता है लेकिन क्या किसी घर में कब्र हो सकती है? शायद आप सोच रहे होंगे कि यह कैसा सवाल पूछा जा रहा है लेकिन ऐसा है। भारत में एक ऐसा गांव है, जहां लगभग हर घर में कब्र है।
उत्तर प्रदेश में इटावा से 35 किलोमीटर दूर चकरनगर गांव है। चकरनगर गाँव के तकिया नाम इलाके में घर में जरूरी सामानों के अलावा हर घर में एक कब्र भी देखने को मिलती है। आपकी हैरानी का उस समय कोई ठिकाना नहीं रहेगा जब आपको पता चलेगा कि यह कोई परम्परा नहीं है बल्कि गांवों वाले अपने कमरे में ही शवों को दफनाने और उनकी कब्र बनाने को मज़बूर है। उनकी मजबूरी की वजह गांव में कब्रिस्तान का न होना है।
वहीं, इटावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का पैतृक जिला भी है। जिला प्रशासन के अनुसार, ग्रामीणों को कब्रिस्तान के लिए वहां से डेढ़ किलोमीटर दूर पड़ोसी गांव में शवों को दफनाने के लिए जमीन मुहैया कराई गई थी लेकिन वो वहां शवों को दफनाना नहीं चाहते।
वो चाहते हैं कि उन्हें गांव में ही कब्रिस्तान की जमीन उपलब्ध कराई जाए लेकिन प्रशासनिक दिक्कतों और जमीन के अभाव के कारण ये सम्भव नहीं हो पा रहा है हालांकि कुछ ग्रामीण राजी हो गए हैं लेकिन कुछ, इस्लामिक मान्यताओं के कारण ऐसा नहीं कर रहे हैं। इस्लाम में विशेष परिस्थितियों में ही शवों को स्थानांतरित करने की इजाजत है।