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भारत की इन रहस्यमयी जगहों का कोई नहीं जानता राज! (PHOTOS)

Updated 02 August, 2015 04:58:51 PM

भारत में कुछ ऐसी घूमने वाली जगहें हैं जो अभी तक काफी पर्यटकों की नजरों से दूर हैं लेकिन यदि आप रोमांच प्रेमी हैं तो एक बार इन जगहों पर जरूर जाएं और यहां की खासियत के बारे में जानें जो एडवेंचर से भरपूर है।

नई दिल्लीः भारत में कुछ ऐसी घूमने वाली जगहें हैं जो अभी तक काफी पर्यटकों की नजरों से दूर हैं  लेकिन यदि आप रोमांच प्रेमी हैं तो एक बार इन जगहों पर जरूर जाएं और यहां की खासियत के बारे में जानें जो एडवेंचर से भरपूर है।

जहरीले पेड़ों का जंगल, संदाकफू (दार्जिलिंग) 

भारत के ईस्ट में दार्जिलिंग जिले में समुद्र तल से 3,636 मीटर की ऊंचाई पर बसा संदाकफू है। संदाकफू का मतलब जहरीले पेड़-पौधों से है। यहां पहाड़ों की चोटियों पर जहरीले एकोनाइट पेड़ पाए जाते हैं। दार्जिलिंग-सिक्किम रूट में संदाकफू का सिंगालीला रेंज ट्रैकिंग के लिए फेमस है। इसलिए इसे पैराडाइज ऑफ ट्रैकर्स के नाम से भी जाना जाता है। 

ये है घोस्ट टाउन

तमिलनाडु में एक छोटा सा गांव है, जहां रामायण के जमाने के राम सेतु के अवशेष हैं। यह जगह श्रीलंका से मात्र 18 किलोमीटर दूर है। 1964 में आए चक्रवाती तूफान में यहां एक ट्रेन ही बह गई थी। इस गांव में सड़क के एक ओर बंगाल की खाड़ी तो दूसरी और अरब सागर है। प्राकृतिक छटा से भरपूर ये गांव खाली-खाली सा ही रहता है इसलिए इसे घोस्ट टाउन भी कहते हैं।

बहुत ही ठंडी जगह, ड्रास

मरखा घाटी के बारे में ज्यादातर लोगों ने सुना होगा लेकिन द्रास को बहुत ही कम लोग जानते होंगे। द्रास बहुत ही खूबसूरत घाटी है जो जोजी ला पास से शुरू होता है इसलिए इसे गेटवे ऑफ लद्दाख भी कहा जाता है जो जम्मू-कश्मीर के कारगिल जिले में स्थित है। द्रास घाटी समुद्र तल से 10990 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और यहां के पहाड़ों की ऊंचाई 16,000 से 21,000 फीट तक है। लोगों की नजरों से दूर इस जगह को दुनिया की दूसरी सबसे ठंडी जगह के तौर पर जाना जाता है। यहां सर्दियों में तापमान -45 डिग्री सेंटीग्रेड तक पहुंच जाता है।

बिना पिलर की इमारत

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की खासियत है बिना पिलर की इमारत। दूर-दूर से लोग घूमने के अलावा इसके पीछे छिपे रहस्य को जानने भी आते हैं। इसे 18वीं शताब्दी में नवाब असफुद्दौला ने यूरोपियन और अरेबियन आर्किटेक्चर को ध्यान में रखकर बनवाया था। इस इमारत के सेंटर में 50 मीटर लंबा हॉल है। इसमें कोई पिलर और बीम नहीं है। इस मेन हॉल को खासतौर पर इंटर लॉकिंग ब्रिक वर्क से बनाया गया है जिसे भूलभुलैया के नाम से जाना जाता है। 1,000 सीढ़ियों से होकर जाने वाला एक गुप्त रास्ता भी है, जिसे किसी मुसीबत से बचने के लिहाज से बनाया गया है। इस इमारत के अलावा यहां का गार्डन भी देखने लायक है।

ठंड-गर्मी दोनों ज्यादा,  बसा चूरू (राजस्थान)

राजस्थान में देखने लायक बहुत सारे शहर हैं। जयपुर, उदयपुर और जैसलमेर के अलावा भी कुछ ऐसे शहर हैं, जहां देखने को बहुत कुछ है। इन्हीं में से एक है राजस्थान के पश्चिमी हिस्से में बसा चूरू। यह शहर गर्मी और सर्दी, दोनों के लिए मशहूर है। यहां गर्मियों में तापमान 50 डिग्री और सर्दियों में 0 डिग्री तक पहुंच जाता है। यहां की खबसूरत हवेलियों की भी अलग पहचान है। 

वेजिटेरियन मगरमच्छ

अनंतपुरा लेक मंदिर, जहां मंदिर के परिसर में बने छोटे से तालाब में ऐसे मगरमच्छ रहते हैं जो वेजिटेरियन की कैटेगरी में शामिल हैं। 9वीं शताब्दी में बना ये मंदिर केरल के कसरगोड़ जिले में स्थित है। यहां जाने के लिए पुल से होकर गुजरना पड़ता है।

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