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15 साल की उम्र में विवादों में फंसी ये एक्ट्रैस, इस वजह से हुईं TV छोड़ने को मजबूर

Updated 15 March, 2017 10:52:59 AM

टी.वी. सीरियल ''झांसी की रानी'' से हुई मशहुर उल्का गुप्ता की मानें तो 7 साल की उम्र में वे रेसिज्म का शिकार हुई थीं।

मुंबई: टी.वी. सीरियल 'झांसी की रानी' से हुई मशहुर उल्का गुप्ता की मानें तो 7 साल की उम्र में वे रेसिज्म का शिकार हुई थीं। बता दें कि सीरियल 'झांसी की रानी' में उल्का ने मनु (लक्ष्मीबाई) के बचपन का रोल निभाया था। जब उल्का रेसिज्म की शिकार हुई उस उम्र में उनका सीरियल 'रेशम डंक' शुरू हुआ था, लेकिन लो टीआरपी के चलते यह शो 6 महीने में ही बंद हो गया। उल्का प्रेजेंट में साउथ इंडियन फिल्मों में काम कर रहीं है। 

सूत्रों के मुताबिक उल्का 19 साल की हो चुकी हैं। लेकिन उन्हें लगता है कि कुछ चीजें अब भी नहीं बदली हैं। उल्का ने बताया, "मुझे एक्टिंग का बहुत शौक है और बचपन से ही मैं इंडस्ट्री के डार्क साइड को फेस करती आ रही हूं। 'रेशम डंक' के रैपअप के बाद मैं पापा के साथ रोज ऑडिशन के लिए जाती थी और हर बार मुझे निराश होना पड़ता था। क्योंकि प्रोड्यूसर्स को एक फेयर लड़की की जरूरत होती थी। उनका मानना था कि फेयर लड़की अप मार्केट गर्ल होती है। डार्क स्किन की वजह से मुझे कई बार रिजेक्ट कर दिया गया। इनफैक्ट कॉम्पलेक्शन के कारण मुझे 'सात फेरे' में सलोनी की बेटी का रोल मिला था। इस शो के लिए मेकर्स ने डार्क कलर की बजाय लड़की के साहस पर फोकस किया। सरप्राइजिंगली, कई सालों बाद भी मेरे कास्टिंग एजेंट के पास रिक्वायरमेंट्स आते हैं और उनमें लिखा रहता है, "फेयर लड़की चाहिए।" ईमानदारी से कहूं तो मैंने ऐसे ऑडिशन में जाना बंद कर दिया। फेयर होने से कोई अपमार्केट नहीं दिखता। मैं चाहती हूं कि कलर की बजाय मेरा टैलेंट बोले।"

बता दें कि उल्का ने कहा, "क्या आप इस बात पर यकीन कर सकते हैं कि 15 साल की उम्र में मैं नखरे दिखाती थी। यह ऐज खेलने और काम को एन्जॉय करने की होती है। लेकिन मैं विवाद और पॉलिटिक्स में फंस चुकी थी। जब मैं 'खेलती है जिंदगी आंख मिचोली' कर रही थी, तब मुझपर अनप्रोफेशनल होने के आरोप लगे, जो गलत थे। यकीन मानिए, इन नेगेटिव रिपोर्ट्स का असर मेरी हेल्थ पर पड़ा।

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