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न जाने धारावाहिकों की आलोचना क्यों होती है : एकता

Updated 02 November, 2015 09:45:25 AM

छोटे पर्दे को ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’, ‘कहानी घर घर की’ और ‘कुटुंब’ जैसे यादगार धारावाहिक दे चुकीं फिल्म एवं धारावाहिक निर्माता एकता कपूर हैरान हैं

मुंबई: छोटे पर्दे को ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’, ‘कहानी घर घर की’ और ‘कुटुंब’ जैसे यादगार धारावाहिक दे चुकीं फिल्म एवं धारावाहिक निर्माता एकता कपूर हैरान हैं कि धारावाहिकों की विषय सामग्री की ‘गुणवत्ता’ को लेकर आलोचना क्यों हो रही है?

एकता ने यहां अपने नए धारावाहिक ‘प्यार को हो जाने दो’ के लांच पर कहा, ‘‘मुझे नहीं मालूम कि टेलीविजन धारावाहिकों, खासकर मेरी कम गुणवत्ता, एक जैसे और लीक से हटकर न होने या ऐसे मुद्दों पर चर्चा न करने के लिए हमेशा आलोचना क्यों होती है, जो असहज कर देने वाली होती है।’’

बालाजी टेलीफिल्म्स की प्रमुख एकता ने कहा, ‘‘हम असहज होने से बहुत ज्यादा डरते हैं और जहां तक धारावाहिकों का सवाल है, तो हम ‘सेफ जोन’ में रहकर बहुत खुश हैं। कोई भी चैनल या प्रोडक्शन हाउस हमारे समाज में व्याप्त समस्याओं के बारे में बात करने का जोखिम नहीं उठाता है।’’

‘प्यार को हो जाने दो’ में अभिनेता इकबाल खान और मोना सिंह मुख्य भूमिका में हैं।

 
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pyar ko ho jane doekta kapoortv serial

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