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Interview: देश से लेकर विदेश तक मोहन ब्रदर्स लहरा रहे हैं क्लासिकल म्यूजिक का परचम

Updated 15 March, 2019 05:49:19 PM

इंडियन म्यूजिक को देश में हीं नहीं बल्कि विदेशों तक में काफी पसंद किया जाता है। क्लासिकल म्यूजिक हमेशा ही भारतीय संगीत की पहचान रहा है। सालों से बॉलीवुड फिल्मों में चार चांद क्लासिकल म्यूजिक लगाता रहा है, हालांकि जैसे-जैसे समय बदला वैसे-वैसे म्यूजिक इंडस्ट्री में भी ...

नई दिल्ली। इंडियन म्यूजिक को देश में हीं नहीं बल्कि विदेशों तक में काफी पसंद किया जाता है। क्लासिकल म्यूजिक हमेशा ही भारतीय संगीत की पहचान रहा है।

सालों से बॉलीवुड फिल्मों में चार चांद क्लासिकल म्यूजिक लगाता रहा है, हालांकि जैसे-जैसे समय बदला वैसे-वैसे म्यूजिक इंडस्ट्री में भी काफी बदलाव आए लेकिन इसके बाद भी क्लासिकल म्यूजिक लोगों की पहली पसंद रहा है। पिछले दस सालों से क्लासिकल म्यूजिक में अपना योगदान और नई पहचान दिलात आ रहे भारतीय संगीतकार लक्ष्य मोहन ने पंजाब केसरी और नवोदय टाइम्स से की खास बातचीत....

 

विदेशों में भी काफी पसंद किया जाता है भारतीय संगीत 

लक्ष्य मोहन ने कहा कि क्लासिकल म्यूजिक को लेकर लोगों को काफी गलत धारणा है। लोगों को क्लासिकल म्यूजिक से ठीक तरह से इंट्रोड्यूस नहीं किया गया है। लोगों को लगता है कि ये पुराना संगीत है जबकि ऐसा कुछ नहीं है।

 

नॉन इंडियनस की पहली पसंद इंस्ट्रूमेंटल इंडियन म्यूजिक

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देश से ज्यादा विदेशों में पसंद किया जाता है इंस्ट्रूमेंटल इंडियन म्यूजिक। जितने भी बॉलिवुड सिंगर बाहर जाते है उनके कंसर्ट में अधिकतर भारतीय ही जाते है जबकि क्लासिकल म्यूजिक सुनने के लिए सबसे ज्यादा विदेशी लोग आते है।

 

हमेशा फ्रेश रहता है क्लासिकल म्यूजिक 
लक्ष्य ने कहा कि क्लासिकल म्यूजिक साइंटिफिक और मैथामेटिकल भी है। एक संगीतकार इसमें अपने हिसाब से कुछ भी जोड़ सकता है। जबकि लोगों का मानना है कि ये बहुत पुराना है लेकिन ऐसा नहीं है म्यूजिशियन इसमें हमेशा ही कुछ ना कुछ जोड़ते रहते है। यहीं चीज इस म्यूजिक को खास बनाता है। 

 

लाइव परफॉर्म देती है प्रेरणा 
हमने कई रिकॉर्डिंग और लाइव परफार्मेंस दी है लेकिन सबसे ज्यादा प्रेरणा लाइव परफार्मेंस देने में है मिलती है जब आप लोगों के सामने परफॉर्म करते है तब एक अलग ही ऊर्जा मिलती है।

2009 में शुरु हुई थी जरनी 

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2009 से मैंने और मेरा भाई ने सितार बजाना शुरु किया था। इसके बाद देश से लेकर कई विदेश तक बहुत सारे  परफॉर्मेंस दिए है। 

 

खुद की मर्जी से नही बल्कि एहसास बनाता है कलाकार 
लक्ष्य कहते हैं कि एक कलाकार आप अपनी मर्जी से नहीं बनते बल्कि एहसास आपको कलाकार बनाता है। "भारतीय शास्त्रीय संगीत एक बहुत ही मांग वाली कला है," वह सावधान करता है, जोड़ता है, "और इसे सुनने की इच्छा रखने वाले युवा लोगों को यह समझना चाहिए। युवाओं का रूझान इसकी ओर बढ़ा है युवा अब  लोकप्रियता हासिल करने के लिए इस डोमेन में प्रवेश कर रहे हैं।''

 

: Chandan

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