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शाहरुख़ की 'चक दे इंडिया' को हुए 12 साल, फिल्म से सीख सकते हैं ये 12 बातें

Updated 10 August, 2019 02:11:14 PM

शाहरुख़ खान की फिल्म चक दे इंडिया ने आज अपने 12 साल पूरे कर लिए हैं।

बॉलीवुड तड़का टीम। शाहरुख़ खान की फिल्म चक दे इंडिया ने आज अपने 12 साल पूरे कर लिए हैं। फिल्म में शाहरुख को हॉकी प्लेयर और कोच कबीर खान के रोल में खूब पसंद किया गया। यह रोल शाहरुख के यादगार किरदारों में से एक माना जाता है। इस फिल्म में शाहरुख अलग ही किरदार में दिखे थे। इस फिल्म के लिए शाहरुख को फिल्मफेयर का बेस्ट ऐक्टर अवॉर्ड भी मिला था और यह फिल्म नेशनल फिल्म अवार्ड भी जीती थी। वैसे तो इस फिल्म को कई रीजन्स से देखा जा सकता है  हैं, लेकिन 12 साल पूरे होने पर हम आपको बताएंगे 12 रीजन्स-

Bollywood Tadka
1. पास्ट से निकलना:-  कबीर खान (शाहरुख खान) के पास्ट में जो कुछ हुआ उसके बावजूद भी उन्होंने महिला हॉकी टीम के लिए कोच बनने का फैसला किया। अगर वह अपने पास्ट से नहीं निकलता तो शायद कॉच बनने का फैसला नहीं लेता। इसलिए जाने देना जरुरी है क्यूंकि यह आपको अगली बड़ी चीज़ पर जाने से रोकता है।

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2. एकता में मजबूती:- जब तक सब अकेले थे तब तक मैच हार रहे थे। जैसे ही एक हुए मैच जीतने लगे, लेकिन इसके लिए कोच कबीर खान को बहुत मेहनत  लगी। हम बचपन से ही ये पढ़ते रहे हैं कि संगठन में शक्ति होती है। यही सन्देश इस फिल्म में भी छुपा हुआ है। 

3. महिला सशक्तीकरण: फिल्म में महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर भी जोर दिया गया है। एक दूसरे से लड़ती हुईं लड़कियां जब एक हुईं तो फिर वर्ल्ड कप जिता कर ही दम लिया। 

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4. अहंकार से बचें:-  फिल्म में दो सीन आते हैं कि कैसे बिंदिया ने बहुत सारी चीजों के बारे में सोचा, जो सच नहीं थीं और कोमल और प्रीति अपना खेल खेल रही थीं लेकिन आखिरकार, उन तीनों ने उस अहंकार का परिणाम देखा। बाद में तीनों अहंकार भूलकर एक हुई और टीम को जिताया। 

5. कोच सिर्फ कोच नहीं उससे भी बढ़कर होता है :-  कबीर खान वह कोच था जिसे पाकर हर व्यक्ति अपने आप में लकी फील करेगा। निश्चित रूप से यह काँटों से भरी सड़क है जो बाद में गुलाब का बिस्तर बन जाती है। 

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6. निडर बनो: आप डर को अपने ऊपर हावी नहीं होने दे सकते हैं।  यह सही है कि हर चीज का एक समय और स्थान होता है, लेकिन यह आपकी क्षमता है जो उसको आसान बनाती है।

7. हार आपको परिभाषित नहीं करती है:- ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहली हार से टीम का नुकसान हो गया था, लेकिन कौन जानता था कि भविष्य में यही टीम  विश्व कप जीतेगी? हमें भूलना नहीं चाहिए कि सफलता की शुरुआत असफलता से होती है। इसलिए हम दोनों के मूल्य को समझना चाहिए।

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8. स्टीरियोटाइप्स नहीं होना चाहिए:- स्टीरियोटाइप्स मतलब किसी व्यक्ति के बारे में विशिष्ट जानकारी को अनदेखा कर देना होता है। अगर वह लड़कियां हैं तो वह इस काम को नहीं कर पाएंगी। ऐसी सोच नहीं रखनी चाहिए। 

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9. कठिन समय अच्छे के लिए ही आता है - : कोरिया के खिलाफ और अर्जेंटीना के खिलाफ मैच, जहां टीम राख से एक चिंगारी की तरह उठी और हमें यह बताया कि हर कठिनाई का उपाय होता है। बशर्ते आपके मन में पक्का इरादा होना चाहिए । 

10. सही नजरिया ही सफलता दिलाता है:  'एक विचार आपके जीवन को बदल सकता है?' अगर चीजों को सही तरीके से निपटाया जाता है तो काम आसान होने के साथ-साथ सफल भी होता है। 

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11. अपने पेशे का सम्मान करें: आप इसकी पूजा नहीं कर सकते, लेकिन आप जो भी करते हैं, अगर उसके लिए दिल में सम्मान है तो आप आकाश को छू सकते हैं। हम जिस जगह पर हैं उसके लिए हमें भगवान को धन्यवाद देना चाहिए।

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12. आप अपनी संस्कृति हैं: याद रखें कि कैसे लड़कियों ने बड़े मैच से पहले उस पार्टी के लिए साड़ी पहनी थी? जबकि हम में से अधिकांश को उम्मीद थी कि वे कुछ और पहनेंगी, उन्होंने सिर्फ भारतीय संस्कृति का प्रतिनिधित्व किया। 

: Smita Sharma

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