बॉब बिस्वास के रोल को लेकर अभिषेक बच्चन कहते हैं, “इस किरदार के बारे में अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता, और यही खूबी आपको बांधे रखेगी”
29 Apr, 2022 04:12 PMनई दिल्ली। ज़ी सिनेमा पर आगामी 30 अप्रैल को रात 9:30 बजे बॉब बिस्वास के वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर के साथ रोमांच और ड्रामा की दुनिया में गोते लगाने के लिए तैयार हो जाइए, जहां बॉब बिस्वास अपनी याददाश्त समेटते हुए दोहरी जिंदगी की दुविधा से गुजरता है और ये हालात उसे अच्छाई और बुराई के बीच खड़ा कर देते हैं। नवोदित निर्देशक दीया अन्नपूर्णा घोष के निर्देशन में बनी यह फिल्म बॉब बिस्वास की कहानी में झांकती है, जो एक सीधा-सादा फैमिली मैन है, जिसकी एक पत्नी और दो बच्चे हैं। वो दिन में इंश्योरेंस एजेंट का काम करता है और रात में एक कॉन्ट्रैक्ट हत्यारा बन जाता है। अभिषेक बच्चन ने बॉब बिस्वास के किरदार को पूरी बारीकियों के साथ निभाया है। चाहे उस किरदार के चेहरे पर छाई अनिश्चितता हो, अपनी पहचान को लेकर उसका संघर्ष हो या फिर उसका शारीरिक बदलाव हो, उन्होंने हर बारीकी पर बखूबी ध्यान दिया है। अभिषेक बच्चन ने बॉब बिस्वास के किरदार में इस मनोवैज्ञानिक और रहस्यमयी अवतार को लेकर एक खास चर्चा की।
भारत में स्पिन ऑफ फिल्में बनाने का चलन बहुत नया है और बॉब बिस्वास ऐसी ही एक फिल्म है। जब आप यह फिल्म साइन कर रहे थे, तब आपके मन में क्या विचार थे?
किरदारों का स्पिन-ऑफ हमारी इंडस्ट्री में बहुत कम आजमाया गया है, और बॉब का किरदार ऐसा है, जो एक फीचर फिल्म की हकदार है। जब सुजॉय ने मुझसे इस स्क्रिप्ट की चर्चा की, तो ये मुझे बड़ी दिलचस्प लगी और मैं बेशक यह फिल्म करना चाहता था। हालांकि मैंने लॉकडाउन तक ‘कहानी’ नहीं देखी थी, इसलिए बॉब को लेकर मेरा नजरिया बड़ा सीमित था और इससे मुझे अपने मन में बॉब का एक किरदार गढ़ने में भी मदद मिली। इस किरदार में शुरुआत से ही स्पिन ऑफ की दरकार थी। 'कहानी' में बॉब की स्क्रीन पर छोटी-सी उपस्थिति ने दर्शकों के बीच भारी उत्सुकता जगा दी थी। एक पत्नी और दो बच्चों वाला फैमिली मैन, जो दिन में एक इंश्योरेंस एजेंट और रात में एक कॉन्ट्रैक्ट हिटमैन का काम करता है। ऐसा कॉम्बिनेशन बहुत अनोखा है। इस किरदार के बारे में अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता और यही खूबी आपको बांधे रखेगी। मुझे लगता है कि दीया ने इस रहस्यमयी कहानी और उलझे हुए किरदार को बखूबी पर्दे पर पेश किया है।
इस फिल्म को बहुत पसंद किया गया। इस पर आपके क्या विचार हैं?
इस फिल्म को मिली दर्शकों और समीक्षकों की तारीफों को लेकर हम बहुत उत्साहित हैं। एक कलाकार के तौर पर आपको ऐसी कहानी की तलाश होती है, जो आपकी सीमाओं को परखती है और आपको नए मुकाम पर ले जाती है। बॉब बिस्वास के साथ सारी टीम एक ऐसे किरदार को सामने लाने की कोशिश कर रही थी, जो दर्शकों की नब्ज थाम ले। बॉब खुद को ज़ाहिर नहीं कर पाता, और ऐसे में इस पूरे ड्रामा को नाटकीय बनाए बिना सामने लाने में बहुत बारीकी की जरूरत थी। इस फिल्म ने मुझे अपना हुनर मांझने का मौका दिया और इससे मुझमें किरदारों और स्क्रिप्ट की समझ भी पैदा हुई।
आपने इस रोल को निभाने के लिए काफी वजन बढ़ाया था। अपने इस सफर के बारे में बताइए?
मैं हमेशा से ये मानता रहा हूं कि यदि मैं अपने किरदार की तरह दिख और महसूस कर सकूं तो समझो मेरी 50% परफॉर्मेंस पूरी हो गई। तो किसी भी प्रोजेक्ट के लिए मैं सबसे पहले अपने किरदार के लुक पर ध्यान देता हूं और बॉब बिस्वास के लिए मुझे 100 किलो से ज्यादा वजन बढ़ाना पड़ा! इसके लिए मैंने प्रोस्थेटिक्स भी अपनाया, लेकिन जब शारीरिक रूप से आपका वजन बड़ा हो तो आपकी पूरी परफॉर्मेंस बदल जाती है, आपकी बॉडी लैंग्वेज आपके चलने-फिरने और दौड़ने का तरीका, सबकुछ बदल जाता है। प्रोस्थेटिक्स में यह सब चीजें हासिल कर पाना संभव नहीं हो पाता। वजन बढ़ाना बड़ा मजेदार रहा, खास तौर पर कोलकाता की सर्दियों में हमने दर्जनों गुड़ संदेश का मजा लिया। सबसे ज्यादा मुश्किल तब हुई, जब लॉकडाउन के कारण हमारी शूटिंग बीच में ही रुक गई थी। इस दौरान मुझे अपना वजन बरकरार रखना था और इतने लंबे समय तक 100 किलो तक वजन बनाए रखना बड़ा मुश्किल था। लेकिन अपने काम और अपनी फिल्म के लिए जो आपको करना है, वो तो करना ही है और हमने इसे अच्छी तरह संभाला।
इतनी यंग डायरेक्टर के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
दीया यकीनन टैलेंटेड है। मुझे लगता है कि वो अपने पिता सुजॉय से ज्यादा प्रतिभाशाली हैं। उन्हें पता है कि उन्हें अपने हर शॉट में क्या चाहिए और वो इस बात को लेकर स्पष्ट है कि वो क्या हासिल करना चाहती हैं। एक यंग लड़की के लिए ऐसी फिल्म बनाना बड़ा रोमांचक है, जिसने अपनी पहली फिल्म में ही बहुत-से लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा।