main page

कभी टिन के डिब्बे से लाइट बना थिएटर में यूज करते थे शशि कपूर, बेटी ने किया खुलासा

Updated 06 December, 2017 04:17:58 PM

बॉलीवुड में रोमांटिक एक्टर शशि कपूर का कल शाम को लंबी बीमारी के चलते 79 की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि वह बीमार होने की वजह से 3 हफ्ते से अस्पताल में भर्ती थे।

मुंबई: बॉलीवुड में रोमांटिक एक्टर शशि कपूर का कल शाम को लंबी बीमारी के चलते 79 की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि वह बीमार होने की वजह से 3 हफ्ते से अस्पताल में भर्ती थे।

Bollywood Tadka

उनका अंतिम संस्कार दोपहर 12 बजे शांताक्रूज के श्मशान घाट में किया गया। शशि कपूर के निधन की खबर सुनकर समूचा बॉलीवुड सदमे में हैं। 

Bollywood Tadka

पिता पृथ्वीराज कपूर के पृथ्वी थिएटर को आगे बढ़ाने में शशि कपूर ने अपना योगदान दिया। हालांकि, अपनी अस्वस्थता के चलते पिछले कई सालों से उनकी सक्रियता कम हो गई थी, जिसे काफी समय तक बेटी संजना कपूर और अब बेटे कुणाल कपूर संभाल रहे हैं। शशि कपूर की बेटी संजना कपूर बोली पापा बचपन की रचनात्मकता को भी थिएटर से जोड़कर देखना चाहते थे।

Bollywood Tadka

हाल ही में शशि कपूर की बेटी ने एक इंटरव्यू के दौरान पापा शशि के बारे में कुछ खास बातें सबके साथ शेयर की। उन्होंने बताया कि जैसा हम आजकल देखते हैं कि स्कूली बच्चे अपने हाथ से कोई चीज न बनाकर बाजार से खरीद कर लाई चीजों, स्टीकर आदि से प्रोजेक्ट बनाकर जमा कर देते हैं। वैसा माहौल देखकर पापा दुखी होते थे। दरअसल, एक बार हम पृथ्वी थिएटर में एक वर्कशॉप कर रहे थे।

Bollywood Tadka

उसके लिए पुणे से अरविंद गुप्ता को विशेष तौर पर बुलाया गया था। उस वर्कशॉप में वेस्टेज चीजों से खिलौना बनाने के बारे में बताया जा रहा था। 10-15 दिन की वर्कशॉप के आखिरी दिन पापा आते थे, गौर से निरीक्षण करते और बच्चों को सर्टिफिकेट बांटते थे। उन्होंने उस दिन जब बच्चों को खिलौने बनाते देखा तो कुछ कहने ही वाले थे कि मैंने उन्हें रोक दिया। मैंने कहा, पापा प्लीज।

Bollywood Tadka

इस समय कुछ मत बोलिए ! दरअसल, वे बच्चों की रचनात्मकता को सीधे थिएटर से जोड़कर देखने की चाह रखते थे। क्योंकि वे मुझे अपने बचपन के दिनों के किस्से सुनाया करते, कि कैसे वे डालडा के टिन से लाइट्स बनाकर थिएटर में यूज किया करते थे। इसी तरह राजकपूर ने अपने पिता पृथ्वीराज के एक नाटक में कैसे तारों की रगड़ से बिजली कड़कने का प्रभाव पैदा किया था। हालांकि, ये बहुत खतरनाक था, लेकिन वे लोग भी कम जुनूनी नहीं थे। मैं कह सकती हूं कि वे मेरे साउडिंग बोर्ड थे, जिनकी बातें मेरे अब तक और आगे के जीवन पर हमेशा असर डालती रहेंगी ।

Bollywood Tadka

 

 

 

:

Shashi KapoorSanjana KapoorTribute

loading...