''एक था टाइगर'' और ''बजरंगी भाईजान'' जैसी सुपरहिट फिल्मों के डायरेक्टर कबीर खान इन दिनों अपने एक बयान को लेकर चर्चा में हैं। अफगानिस्तान के हालात पर ''काबुल एक्सप्रेस'' बना चुके कबीर खान ने हाल ही एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि मुगलों को को बदनाम करने वाली फिल्में देखना काफी निराश करने वाला है। उन्होंने ये भी कहा कि इस तरह की फिल्में सिर्फ ‘वर्तमान लोकप्रिय सोच और विचारों’ को ध्यान में रखते हुए बनाई गई हैं और इनका कोई ‘एतिहासिक साक्ष्य’ नहीं है।
26 Aug, 2021 12:09 PMमुंबई: 'एक था टाइगर' और 'बजरंगी भाईजान' जैसी सुपरहिट फिल्मों के डायरेक्टर कबीर खान इन दिनों अपने एक बयान को लेकर चर्चा में हैं। अफगानिस्तान के हालात पर 'काबुल एक्सप्रेस' बना चुके कबीर खान ने हाल ही एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि मुगलों को को बदनाम करने वाली फिल्में देखना काफी निराश करने वाला है। उन्होंने ये भी कहा कि इस तरह की फिल्में सिर्फ ‘वर्तमान लोकप्रिय सोच और विचारों’ को ध्यान में रखते हुए बनाई गई हैं और इनका कोई ‘एतिहासिक साक्ष्य’ नहीं है।
कबीर खान ने कहा- 'यदि आप फिल्मों में मुगलों को गलत दिखाना भी चाहते हैं तो प्लीज इसके लिए पहले रिसर्च कीजिए और किसी पुख्ता आधार पर ही ऐसा दिखाइए। हमें यह भरोसा दिलाइए कि यह सच क्यों है? बताइए कि जैसा आप सोच रहे हैं असल में वो विलन क्यों हैं। यदि आप इतिहास पढ़ेंगे तो आपके लिए यह समझना मुश्किल होगा कि आखिर उन्हें विलन क्यों बनाया जा रहा है।
मुझे लगता है कि वो असली राष्ट्र-निर्माता थे और सिर्फ कहने के लिए या लिखने के लिए यह बता देना कि नहीं... नहीं...वो तो हत्यारे थे उन्होंने लोगों का धर्म परिवर्तन करवाया, उन्होंने ये किया, उन्होंने वो किया। आप किस आधार पर यह बात कर रहे हैं? प्लीज, कोई ऐतिहासिक सबूत दिखाइए, प्लीज इस पर खुली बहस कीजिए।'
कबीर खान ने फिल्मों में मुगलों के चित्रण पर नारागजी जाहिर करते हुए कहा- 'बस जो कहा जा रहा है, जो लोकप्रिय है, उसी विचार के साथ आगे मत बढ़िए। आज के वक्त में यह सबसे आसान काम है, है ना? भारत के इतिहास में अलग-अलग मौकों पर मुगलों और दूसरे अनेक मुस्लिम शासकों को गलत तरीके से दिखाना, उन्हें पूर्वाग्रहों से भरे रूढ़ियों में फिट करने की कोशिश करना दुखद है। मैं ऐसी फिल्मों का सम्मान नहीं कर सकता। हालांकि दुर्भाग्य से यह मेरी अपनी सोच है। बेशक, मैं बड़े दर्शक वर्ग के लिए नहीं बोल सकता। लेकिन मैं निश्चित रूप से उनकी इस तरह की इमेज दिखाने से परेशान हो जाता हूं।'
बता दें कि पिछले कुछ समय में बनी कई फिल्मों जैसे ‘पद्मावत’, ‘तान्हाजी’, ‘पानीपत’ आदि एतिहासिक साक्ष्यों को लेकर सवालों के घेरे में है। ‘तान्हाजी’ की रिलीज के बाद तो फिल्म में विलन बने सैफ अली खान ने भी यह कहा था कि फिल्म की कहानी में जो दिखाया गया है उसमें सारे तथ्य सही नहीं हैं।