एक्टर दिलजीत सिंह की अपकमिंग फिल्म ‘सूरमा’ कल यानि 13 जुलाई को रिलीज होने जा रही है। यह फिल्म अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह के जीवन पर आधारित है। फिल्म का निर्देशन शाद अली ने किया है और इसकी निर्माता अभिनेत्री चित्रांगदा सिंह हैं। फिल्म में तापसी पन्नू और अंगद बेदी भी अहम भूमिका में हैं। हाल ही में अपनी फिल्म प्रमोशन के सिलसिले में दिल्ली पहुंचे दिलजीत दोसांझ और संदीप सिंह ने नवोदय टाइम्स/पंजाब केसरी से की खास बातचीत। पेश हैं मुख्य अंश:
12 Jul, 2018 04:02 PMनई दिल्ली/टीम डिजिटल (एक्सक्लूसिव): एक्टर दिलजीत सिंह की अपकमिंग फिल्म ‘सूरमा’ कल यानि 13 जुलाई को रिलीज होने जा रही है। यह फिल्म अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह के जीवन पर आधारित है। फिल्म का निर्देशन शाद अली ने किया है और इसकी निर्माता अभिनेत्री चित्रांगदा सिंह हैं। फिल्म में तापसी पन्नू और अंगद बेदी भी अहम भूमिका में हैं। हाल ही में अपनी फिल्म प्रमोशन के सिलसिले में दिल्ली पहुंचे दिलजीत दोसांझ और संदीप सिंह ने नवोदय टाइम्स/पंजाब केसरी से की खास बातचीत। पेश हैं मुख्य अंश:
संदीप सिंह की कहानी इंस्पायरिंग है
दिलजीत कहते हैं, ‘संदीप सिंह की जिंदगी काफी प्रेरणादायक है। मुझे इस फिल्म की कहानी ने अपनी ओर खींचा और मैंने हॉकी सीखना शुरू कर दिया। इससे पहले मैंने कभी हॉकी नहीं खेली। वैसे मेरे पापा सरकारी नौकरी करते थे पर वह स्कूल और कॉलेज में हॉकी खेला करते थे और वह हॉकी खेलने के लिए मुझे भी बोलते थे। मैं घर से तो हॉकी लेकर निकल जाता था, लेकिन ग्राउंड तक नहीं पहुंच पाता था। इसके कारण पापा से डांट पड़ती थी। पापा चाहते थे कि मैं हॉकी लेकर गलियों में घूमने के बजाय ग्राउंड में जाकर खेलूं।’
संदीप सिंह ने की काफी मदद
दिलजीत के मुताबिक, ‘संदीप और उनके बड़े भाई बिक्रमजीत सिंह हर वक्त सेट पर मौजूद रहते थे इस वजह से काम थोड़ा आसान हो जाता था। वे तुरंत गलत और सही बता दिया करते थे। जब खुद चैंपियन आपको सिखा रहा हो तो काम आसान हो जाता है। इसी वजह से मुझे हॉकी सीखने में भी ज्यादा परेशानी नहीं हुई।’
पैसों का है फर्क
उनका कहना है, ‘पंजाबी और बॉलीवुड फिल्मों में सबसे बड़ा अंतर पैसों का है। बॉलीवुड में बहुत पैसा है जबकि पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री में कम है। सबसे बड़ी बात पंजाबी जानने और समझने वाले लोग कम हैं, जिस वजह से पंजाबी फिल्मों को दर्शक भी कम मिलते हैं। अब दर्शक कम हो तो अहमियत भी उतनी नहीं मिलती। हालांकि, मेहनत दोनों में बराबर ही होती है।’
भरोसेमंद लोगों के साथ काम करना चाहता हूं: दिलजीत
उनका कहना है, ‘मैं एक्शन फिल्में करना चाहता हूं लेकिन सिर्फ भरोसेमंद लोगों के साथ। मैं अपने आप से बहुत प्यार करता हूं। जो मुझे सुरक्षित रखकर एक्शन करवाएगा उनके साथ मैं काम करना चाहूंगा। हालांकि, मुझे डर बहुत लगता है। पूरी तरह से ट्रेनिंग लेने के बाद ही मैं ऐसा करूंगा।’