बॉलीवुड के मशहूर एक्टर गिरीश कर्नाड का सोमवार को 81 साल की उम्र में निधन हो गया है। कहा जा रहा है कि गिरीश कर्नाड लंबे समय से बीमार चल रहे थे। पिछले कुछ महीनों से उनका इलाज चल रहा था। उनके निधन की वजह मल्टीपल ऑर्गेन का फेल होना है।
10 Jun, 2019 10:34 AMमुंबई: बॉलीवुड के मशहूर एक्टर गिरीश कर्नाड का सोमवार को 81 साल की उम्र में निधन हो गया है। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर दुःख व्यक्त किया है। वहीं मुख्यमंत्री कार्यालय ने कर्नाड के सम्मान में सोमवार को छुट्टी रहने का ऐलान करते हुए तीन दिन का शोक भी घोषित किया है। सीएमओ ने कहा कि कर्नाड को राजकीय सम्मान दिया जाएगा, जो ज्ञानपीठ से सम्मानित लोगों को दिया जाता है। कर्नाड के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने कहा कि हमने एक सांस्कृतिक दूत खो दिया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ ज्ञानपीठ साहित्यकार, प्रतिष्ठित अभिनेता एवं फिल्म निर्माता श्री गिरीश कर्नाड के निधन की खबर सुन कर मैं दुखी हूं।''
मिल चुके हैं कई अवार्ड
- बहुमुखी प्रतिभा के धनी कर्नाड का जन्म डॉ. रघुनाथ कर्नाड और कृषणाबाई के घर 1938 में हुआ था।
- कर्नाड को अनेक नाटकों और फिल्मों में अभिनय किया जिनकी काफी सराहना हुई।
- ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किए जा चुके कर्नाड को 1974 में पद्म श्री और 1992 में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया।
- वह 1960 के दशक में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के रोहड्स स्कॉलर भी रहे।
- उन्होंने वहां से दर्शनशास्त्र, राजनीति शास्त्र और अर्थशास्त्र में मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री हासिल की।
‘‘संस्कार'' से की एक्टिंग करियर की शुरुआत
- कर्नाड ने मशहूर कन्नड़ फिल्म ‘‘संस्कार'' (1970) से अभिनय और पटकथा लेखन के क्षेत्र में पदार्पण किया।
- यह फिल्म यू आर अनंतमूर्ति के एक उपन्यास पर आधारित थी।
- फिल्म का निर्देशन पट्टाभिराम रेड्डी ने किया और फिल्म को कन्नड़ सिनेमा के लिए पहला राष्ट्रपति गोल्डन लोटस पुरस्कार मिला। हालांकि, उन्होंने बतौर अभिनेता सिनेमा में अपने करियर की शुरुआत की लेकिन उन्हें लेखक और विचारक के रूप में जाना जाता है।
- कर्नाड अपनी पीढ़ी की सर्वाधिक प्रतिष्ठित कलात्मक आवाजों में से एक थे।
‘‘ययाति'' और ‘‘तुगलक'' ने दिलाई ख्याति
वह प्रतिष्ठित नाटककार थे। उनके नाटक ‘‘नागमंडल'', ‘‘ययाति'' और ‘‘तुगलक'' ने उन्हें काफी ख्याति दिलाई। उन्होंने ‘‘स्वामी'' और ‘‘निशांत'' जैसी हिंदी फिल्मों में भी काम किया। उनके टीवी धारावाहिकों में ‘‘मालगुडी डेज़'' शामिल हैं जिसमें उन्होंने स्वामी के पिता की भूमिका निभाई। वह 90 के दशक की शुरुआत में दूरदर्शन पर विज्ञान पत्रिका ‘‘टर्निंग प्वाइंट'' के प्रस्तोता भी थे। बाद में वर्षों में कर्नाड सलमान खान की ‘‘टाइगर जिंदा है'' और अजय देवगन अभिनीत ‘‘शिवाय'' जैसी व्यावसायिक फिल्मों में भी दिखाई दिए। राजनीति की बात करें तो वह प्रधानमंत्री मोदी के भाजपा का एकमात्र चेहरा होने की काफी आलोचना करते रहे हैं।