बाॅलीवुड एक्ट्रेस जूही चावला की 5G मामले में मुश्किलें बढ़ गईं हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को जूही चावला और दो अन्य को 5जी वायरलेस नेटवर्क टेक्नोलॉजी को चुनौती देने वाले मुकदमे के माध्यम से कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने के लिए लगाए जुर्माने के 20 लाख रुपये जमा करने के लिए एक हफ्ता का समय दिया है। इस मामले पर बात करते हुए जस्टिस जे आर मिधा ने कहाअदालत वादी के आचरण से स्तब्ध है।
07 Jul, 2021 03:58 PMमुबंई: बाॅलीवुड एक्ट्रेस जूही चावला की 5G मामले में मुश्किलें बढ़ गईं हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को जूही चावला और दो अन्य को 5जी वायरलेस नेटवर्क टेक्नोलॉजी को चुनौती देने वाले मुकदमे के माध्यम से कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने के लिए लगाए जुर्माने के 20 लाख रुपये जमा करने के लिए एक हफ्ता का समय दिया है। इस मामले पर बात करते हुए जस्टिस जे आर मिधा ने कहाअदालत वादी के आचरण से स्तब्ध है।
जूही चावला और अन्य लागत को अनुग्रहपूर्वक जमा करने के लिए भी तैयार नहीं थे। न्यायाधीश एक्ट्रेस द्वारा अदालत की फीस की वापसी, लागत की छूट और फैसले में खारिज शब्द को अस्वीकार करने के लिए तीन आवेदनों पर सुनवाई कर रहे थे। कोर्ट की ये प्रतिक्रिया जूही चावला के वकील मीत मल्होत्रा के बाद आई है। अदालत ने कहा-'एक तरफ आप तुच्छ आवेदन देते हैं और दूसरी ओर, आप आवेदन वापस लेते हैं और लागत भी जमा करने को तैयार नहीं होते हैं।'
कोर्ट ने आदेश दिया कि वाद खारिज करने की मांग वाली तीसरी अर्जी कोर्ट फीस जमा करने के बाद जस्टिस संजीव नरूला के समक्ष रखी जाएगी। इस मामले में आगे की सुनवाई 12 जुलाई को होगी।
बता दें कि जूही चावला के वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता मीत मल्होत्रा ने लागत की माफी के लिए आवेदन वापस लेने का अनुरोध करते हुए कहा कि लागत या तो एक सप्ताह या दस दिनों में जमा की जाएगी या इसके खिलाफ कानूनी उपाय किए जाएंगे। उन्होंने कहा-'यह अनपेक्षित है … आज भी, मेरा ये ही कहना है कि किसी ने नहीं कहा कि हम ये नहीं करेंगे। मैंने देखा कि क्या हुआ (फैसले में)। मैं पूरी तरह से समझता हूं।'
ये है पूरा मामला
हाई कोर्ट ने जून में देश में 5G वायरलेस नेटवर्क स्थापित करने के खिलाफ जूही चावला और अन्य लोगों के मुकदमे को खारिज कर दिया था और 20 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। अदालत ने याचिका को दोषपूर्ण,कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग और प्रचार प्राप्त करने के लिए दायर किया था।
जस्टिस मिधा ने कहा था-'5जी तकनीक के कारण स्वास्थ्य संबंधी खतरों के बारे में सवाल उठाए गए हैं। वह रखरखाव योग्य नहीं है और अनावश्यक निंदनीय, तुच्छ और परेशान करने वाले बयानों से भरा हुआ है जो रद्द किए जाने योग्य हैं।'
वहीं अदालत ने कहा-'एक्ट्रेस और अन्य द्वारा दायर मुकदमा प्रचार हासिल करने के लिए था जो स्पष्ट था क्योंकि चावला ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर सुनवाई के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग लिंक को प्रसारित किया जिसके परिणामस्वरूप अज्ञात बदमाशों द्वारा तीन बार बार-बार रुकावट डाली गई। इतना ही नहीं बार-बार चेतावनी के बावजूद भी ये रुकावट जारी रही।'