अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने कहा है कि भारतीय फिल्म उद्योग के बारे में पश्चिम में अब भी ‘‘बड़ी रूढिय़ां’’ मौजूद हैं और भारत में मुख्यधारा से कई कलाकारों को लंबे समय से बनी इन धारणाओं को धीरे-धीरे तोडऩे की जरूरत है।
30 May, 2017 03:00 PM न्यूयॉर्क: अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने कहा है कि भारतीय फिल्म उद्योग के बारे में पश्चिम में अब भी ‘‘बड़ी रूढिय़ां’’ मौजूद हैं और भारत में मुख्यधारा से कई कलाकारों को लंबे समय से बनी इन धारणाओं को धीरे-धीरे तोडऩे की जरूरत है।
प्रियंका ने साक्षात्कार में कहा, ‘‘भारत, हिंदी फिल्मों के बारे में बड़ी रूढि़वादी सोच है। अब और जागरूकता फैलाने की जरूरत है क्योंकि हिंदी फिल्मों का एक बड़ा उद्योग है लेकिन रूढिय़ां अब भी मौजूद हैं।’’ ‘‘क्वांटिको’’ स्टार ने कहा कि लोग भारतीय कलाकारों से उमीद करते है कि उन्हें अंग्रेजी का ज्ञान ना हो, यहां तक कि वे अभिनय ना जानते हो और वे सिर्फ उनसे नाचने की उम्मीद करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इन रूढिय़ों से आपको हमेशा लडऩा होता है और मुझे लगता है कि लोगों को शिक्षित करके और यह बताकर कि भारतीय कलाकार यह कर सकते हैं, इन रूढिय़ों को तोड़ा जा सकता है।’’
प्रियंका ने कहा कि उन्हें टीवी धारावाहिक ‘‘क्वांटिको’’ में देखकर लोगों ने उनकी हिंदी फिल्में देखी। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उन्हें यह समझ आया कि हिंदी फिल्में केवल गाने और नाचने वाली नहीं हैं।’’ भारत में इस शुक्रवार को रिलीज होने वाली फिल्म ‘‘बेवॉच’’ में खलनायिका विक्टोरिया लीड्स की भूमिका निभाने वाली प्रियंका ने कहा कि वैश्विक मनोरंजन में विभिन्नता समय की जरुरत है। यह विभिन्नता ना केवल भूमिकाओं में बल्कि अभिनेता : अभिनेत्रियों में भी होनी चाहिए। प्रियंका ने कहा कि वह जेम्स बॉन्ड का किरदार किसी महिला को निभाते हुए या किसी भारतीय अभिनेता को ‘‘भारतीय होने के ठप्पे के बगैर और सिर्फ एक अभिनेता के तौर पर’’ एक सुपरहीरो फिल्म में देखना चाहती है।