फैंस की मोस्ट अवेटड जॉन अब्राहम और दिव्या खोसला कुमार स्टारर फिल्म सत्यमेव जयते 2 पर्दे पर रिलीज हो चुकी है। मिलाप झावेरी के निर्देशन में बनी ये फिल्म साल 2018 में रिलीज हुई जॉन की ब्लॉकबस्टर फिल्म सत्यमेव जयते की ही सीक्वल है। इस फिल्म में एक्टर ट्रिपल रोल में नजर आने वाले हैं। बेसब्री से इंतजार कर रहे फैंस थिएटर्स में बढ़-चढ़ कर फिल्म देखने पहुंच रहे हैं।
25 Nov, 2021 02:31 PMबॉलीवुड तड़का टीम. फैंस की मोस्ट अवेटड जॉन अब्राहम और दिव्या खोसला कुमार स्टारर फिल्म सत्यमेव जयते 2 पर्दे पर रिलीज हो चुकी है। मिलाप झावेरी के निर्देशन में बनी ये फिल्म साल 2018 में रिलीज हुई जॉन की ब्लॉकबस्टर फिल्म सत्यमेव जयते की ही सीक्वल है। इस फिल्म में एक्टर ट्रिपल रोल में नजर आने वाले हैं। बेसब्री से इंतजार कर रहे फैंस थिएटर्स में बढ़-चढ़ कर फिल्म देखने पहुंच रहे हैं। अगर आप भी फिल्म देखने की तैयारी में हैं तो पहले जान लें इसका रिव्यू...
कहानी
सत्य आज़ाद (जॉन अब्राहम), एक ईमानदार गृह मंत्री अपने भ्रष्टाचार विरोधी विधेयक के साथ देश को भ्रष्टाचार से मुक्त करना चाहता है। हालाँकि, यह न केवल अपने सहयोगियों से, बल्कि उनकी पत्नी विद्या (दिव्य खोसला कुमार) से भी पर्याप्त 'हां' पाने में विफल रहता है, जो विपक्ष की सदस्य हैं, जो विधानसभा में 'नय' को वोट देती हैं। जब शहर में कुछ भीषण हत्याएं होती हैं, तो एसीपी जय आजाद (जॉन अब्राहम) को हत्यारे को पकड़ने के लिए लाया जाता है, उसके मकसद पर कोई फर्क नहीं पड़ता। तो अगर आपको लगता है कि यह कहानी भाई के खिलाफ भाई के इर्द-गिर्द घूमती है, नहीं फिल्म में इसके अलावा और भी बहुत कुछ है।
रिव्यू
सत्यमेव जयते 2 (एसएमजे 2) अपने प्रीक्वल सत्यमेव जयते (एसएमजे) से आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका भ्रष्टाचार और सत्ता के लालच से निपटना है। 'सत्यमेव जयते 2' को 80 के दशक की मास फिल्म की तरह बुना गया है।जब आप देखते हैं कि जॉन अब्राहम निर्दोष नागरिकों की मौत का कारण बनने वालों को दंडित करने के लिए एक सतर्क व्यक्ति में बदल जाता है, तो आप उतने आश्चर्यचकित नहीं होते हैं, जब आपको पता चलता है कि यह सत्य है जो मौत की सजा दे रहा है, और जय को लाने के लिए तैयार किया जा रहा है। जाहिर है कि मिलाप जावेरी की ये फिल्म 80 के दशक की फिल्मों को एक ट्रिब्यूट है। फिल्म के डायलॉग और स्क्रीनप्ले में यह बात पूरी तरह झलकती है।
एक्टिंग
जॉन अब्राहम ने ट्रिपल रोल में पर्दे पर खूब दम दिखाया है। ट्रिपल रोल के बावजूद उन्होंने इसे बड़ी सहजता और निश्चिंतता के भाव से निभाया है। वहीं दिव्या खोसला कुमार अपने रोल में खूब जमी हैं। इस पुरुष प्रधान फिल्म में भी उनके लिए एक प्रमुख भूमिका है। विद्या का किरदार ऐसा है, जो सही के साथ है। वह असहमत होने पर चुप रहना पसंद करती है, लेकिन मुद्दों पर अपने पति सत्या और मंत्री पिता (हर्ष छाया) का विरोध करने से भी गुरेज नहीं करती हैं। गौतमी कपूर फिल्म में दादासाहब की पत्नी और सत्या और जय की मां के किरदार में ठीक लगी हैं। इसके अलावा हर्ष छाया, अनूप सोनी, जाकिर हुसैन, दयाशंकर पांडे और साहिल वैद ने भी बखूबी काम किया है।
सॉन्ग्स
फिल्म के गाने काफी मनोरंजक हैं और कई सुकून देने वाले हैं। 'तेनु लहंगा', 'मेरी जिंदगी तू' काफी जबरदस्त है। वहीं इसके अलावा आइम नंबर 'कुसु कुसु' में नोरा फतेही ने खूब कमाल किया है।
डायरेक्शन
डायरेक्शन की बात करें तो मिलाप जावेरी ने फिल्म में एकसाथ कई मुद्दों को शामिल करने की कोशिश की है। भ्रष्टाचार, किसानों के आत्महत्या का मुद्दा, महिलाओं के खिलाफ अपराध का मुद्दा, निर्भया कांड, लोकपाल बिल जैसे मुद्दों को दिखाने की बखूबी कोशिश की है। डायरेक्टर के तौर पर मिलाप जावेरी ने बढ़िया काम किया है।