बॉलीवुड लीजेंडरी सिंगर लता मंगेशकर का आज बर्थडे है। लता अपना 91वां बर्थडे सेलीब्रेट कर रही है। लता का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ। लता का पहला नाम हेमा था लेकिन जन्म के पांच साल बाद माता-पिता ने इनका नाम लता रख दिया। लता का बचपन काफी संघर्ष भरा रहा। लता 13 साल की थी जब उनके पिता का देहांत हो गया था।
28 Sep, 2020 11:53 AMमुंबई. बॉलीवुड लीजेंडरी सिंगर लता मंगेशकर का आज बर्थडे है। लता अपना 91वां बर्थडे सेलीब्रेट कर रही है। लता का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ। लता का पहला नाम हेमा था लेकिन जन्म के पांच साल बाद माता-पिता ने इनका नाम लता रख दिया। लता का बचपन काफी संघर्ष भरा रहा। लता 13 साल की थी जब उनके पिता का देहांत हो गया था। पिता के देहांत के बाद घर की सारी जिम्मेवारी लता पर आ गई। लता ने अपनी इस जिम्मेवारी को बखूबी निभाया। परिवार की जिम्मेवारी निभाते-निभाते लता ने शादी भी नही की। आइए जानते है उनके बर्थडे पर उनकी जिंदगी के बारे में खास बातें....
लता ने करियर की बात करें तो गायिका ने 14 साल की उम्र में गाना शुरू कर दिया था। लता ने संगीत अपने पिता जी से सीखा। लता कहती है कि आज उनके पिता जिंदा होते तो वह सिंगर नही होती क्योंकि वह उनके सामने गाने की हिम्मत नही जुटा पाती थी। पर उनके पिता जाते-जाते कह कर गए थे कि वो इतनी सफल होंगी कि कोई उनकी ऊंचाइयों को छू भी नहीं पाएगा।
पिता की मौत के बाद लता बहन मीना के साथ मुंबई आकर मास्टर विनायक के लिए काम करने लगीं। 13 साल की उम्र में उन्होंने 1942 में 'पहिली मंगलागौर' फिल्म में एक्टिंग की। कुछ फिल्मों में उन्होंने हीरो-हीरोइन की बहन के रोल किए लेकिन एक्टिंग में उन्हें कभी मजा नहीं आया। पहली बार रिकॉर्डिंग की 'लव इज ब्लाइंड' के लिए, लेकिन यह फिल्म अटक गई। इसके बाद लता को बड़ा ब्रेक मिला संगीतकार गुलाम हैदर ने 18 साल की लता को सुना तो उस जमाने के सफल फिल्म निर्माता शशधर मुखर्जी से मिलवाया। शशधर ने साफ कह दिया ये आवाज बहुत पतली है, नहीं चलेगी'। फिर मास्टर गुलाम हैदर ने ही लता को फिल्म 'मजबूर' के गीत 'अंग्रेजी छोरा चला गया' में गायक मुकेश के साथ गाने का मौका दिया। यह लता का पहला बड़ा ब्रेक था, इसके बाद उन्हें काम की कभी कमी नहीं हुई। बाद में शशधर ने अपनी गलती मानी और 'अनारकली', 'जिद्दी' जैसी फिल्मों में लता से कई गाने गवाए। करियर के सुनहरे दिनों में वो गाना रिकॉर्ड करने से पहले आइसक्रीम खा लिया करती थीं और अचार, मिर्च जैसी चीजों से भी उन्होंने कभी परहेज नहीं किया। उनकी आवाज हमेशा सही रहती थी। 1974 में लंदन के रॉयल अल्बर्ट हॉल में परफॉर्म करने वाली वे पहली भारतीय हैं।
बता दें लता अब तक 36 भाषाओं में 50 हजार से ज्यादा गाने गा चुकी है। लता मंगेशकर को गायकी की दुनिया में अहम योगदान के लिए अब तक तीन नेशनल अवॉर्ड (फिल्म 'परिचय' के लिए 1972 में, 'कोरा कागज़' के लिए 1974 में और 'लेकिन' के लिए 1990 में) मिल चुके हैं। भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण (1969), दादा साहब फाल्के (1989), पद्म विभूषण (1999) और भारत रत्न (2001) से भी सम्मानित किया है।