आइटी सेक्टर के दिग्गज और इन्फोसिस के पूर्व सीएफओ मोहनदास पई ने Koo पर Exclusive वीडियो शेयर कर जावेद अख्तर की पोल खोल दी है। वीडियो में जाने माने लेखक श्री अय्यर ने खुलासा किया है कि जावेद अख्तर ने ना सिर्फ़ पटकथाओं को चुराया है बल्कि RSS की तालिबान से तुलना भी की है। हिंदी सिनेमा के गीतों को अपनी कलम से जादुई अंदाज़ देने वाले जावेद अख्तर को कौन नहीं जानता। ग़जलों को एक नया और आसान रूप देने में जावेद साहब का बहुत बड़ा योगदान है। सलीम खान और जावेद अख्तर ने शोले, ज़ंजीर और न जाने कितनी कालजयी फ़िल्
21 Sep, 2021 04:45 PMबॉलीवुड तड़का टीम. आइटी सेक्टर के दिग्गज और इन्फोसिस के पूर्व सीएफओ मोहनदास पई ने Koo पर Exclusive वीडियो शेयर कर जावेद अख्तर की पोल खोल दी है। वीडियो में जाने माने लेखक श्री अय्यर ने खुलासा किया है कि जावेद अख्तर ने ना सिर्फ़ पटकथाओं को चुराया है बल्कि RSS की तालिबान से तुलना भी की है। हिंदी सिनेमा के गीतों को अपनी कलम से जादुई अंदाज़ देने वाले जावेद अख्तर को कौन नहीं जानता। ग़जलों को एक नया और आसान रूप देने में जावेद साहब का बहुत बड़ा योगदान है। सलीम खान और जावेद अख्तर ने शोले, ज़ंजीर और न जाने कितनी कालजयी फ़िल्मों की पटकथा भी लिखी है। इस जोड़ी को सिनेमा में सलीम-जावेद के नाम से भी जाना जाता है। जावेद साहब को वर्ष 1999 को पद्म भूषण और 2007 में पद्म भूषण से नवाजा जा चुका है।
मोहनदास पाई ने जाने माने लेखक श्री अय्यर जो अपनी किताब Who painted my money white से काफ़ी सुर्खियों में भी रहे है। वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने जावेद अख़्तर के बारें में कई बड़े खुलासे किए हैं।
जावेद अख्तर पटकथाओं को हॉलीवुड से चुराते है
श्री अय्यर कहते है की जावेद अख्तर की रूचि ज़्यादा हॉलीवुड की तरह ज़्यादा है और कई बड़ी बॉलीवुड मूवीज के सीन उन्होंने चुराए है जैसे की शोले फिल्म के कुछ सीन हॉलीवुड मूवी नॉर्थेर्न फ्रंटियर्स (Northern Frontiers) और Once upon a time in West से लिए गए है। इसी के साथ साथ अमिताभ बच्चन की मूवी 1961 में आई मूवी जमुना से इंस्पायर्ड (Inspired) थी। इसके अलावा जंजीर मूवी के सीन्स जावेद अख़्तर ने 1967 में आई एक इटालियन (Italian) मूवी डेथ राइड्स अ हॉर्स (death rides a Horse) से लिए है।
RSS और तालिबान की एक ही सोच है
लेखक श्री अय्यर ने जावेद अख़्तर को लेकर एक बार बड़ा खुलासा किया है कि जावेद अख्तर मानते है की तालिबान और RSS दोनों संगठनो के इरादे एक ही है और इसी वजह से दोनों अपना दब दबा बनाने में लगे रहते है।