बॉलीवुड एक्टर अभिषेक बच्चन की फिल्म ''मनमर्जियां'' आज रिलीज हो गई है। इस फिल्म में अभिषेक के अलावा विक्की कौशल और तापसी पन्नू भी है।
14 Sep, 2018 12:03 PMमुंबई: बॉलीवुड एक्टर अभिषेक बच्चन की फिल्म 'मनमर्जियां' आज रिलीज हो गई है। इस फिल्म में अभिषेक के अलावा विक्की कौशल और तापसी पन्नू भी है। फिल्म की कहानी अमृतसर (पंजाब) की है, जहां विक्की (विक्की कौशल) और रूमी (तापसी पन्नू) के बीच गहरा इश्क है। विक्की हमेशा घर के छज्जे से कूदकर रूमी से मिलने आता है और इस बात का पता पूरे मोहल्ले को होता है। जब इसकी जानकारी रूमी के घरवालों को होती है तो वे शर्त रखते हैं कि विक्की को रूमी से शादी करनी है तो उसे घर आकर हाथ मांगना पड़ेगा। कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब रूमी की शादी एनआरआई रॉबी (अभिषेक बच्चन) से तय हो जाती है, इस बात को सुनकर विक्की काफी बौखला जाता है। कहानी में कई मोड़ आते हैं और आखिरकार बहुत सारी सिचुएशन से गुजरते हुए, इसे अंजाम मिलता है, जिसे जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।
फिल्म की कहानी सामान्य है, लेकिन अनुराग कश्यप ने अपने अंदाज में इसे दिखाया है। अमृतसर की गलियों में पनपने वाले इश्क को अलग-अलग फ्लेवर डालकर पेश किया गया है। फिल्म के द्वारा अपने जमाने की मशहूर लेखिका अमृता प्रीतम को शुक्रिया अदा भी किया गया है। गानों के फिल्मांकन का बड़ा रोल है। कुंडली, ग्रे वाला शेड, दरया , चोंच, सच्ची मोहब्बत जैसे गीत इसके स्क्रीनप्ले को निखारते हैं। विक्की कौशल को एक डीजे के किरदार में दिखाया गया है जो कि होश और बेहोशी में अलग-अलग जोन में रहता है। विक्की ने अच्छा काम किया है। तापसी पन्नू का रूमी का किरदार बहुत बढ़िया है और इश्क की इन्तहां को उनकी आंखों में देखा जा सकता है।एक गैप के बाद अभिषेक ने सिल्वर स्क्रीन पर वापसी की है और उन्होंने रॉबी का किरदार बखूब निभाया है, जिसके लिए अलग शेड्स की जरूरत थी और वो देखने को मिलती भी है। एक तरह से जो टिपिकल हिंदी रोमांटिक प्रेम त्रिकोण पर आधारित फिल्मों के लिए जरूरी सामग्रियां होती हैं, वो सब कुछ इस फिल्म हैं। गाने, इमोशन , त्वरित एक्शन इत्यादि से भरी फिल्म है। पूरी फिल्म के दौरान 2 लडकियां अलग-अलग गानों पर अपनी धुन में डांस करती नजर आती हैं। हालांकि उनकी देव डी के परदेसी वाले गाने में 2 लड़के एक पब में कुछ उसी तरह का डांस करते हुए दिखाई दिए हैं।
फिल्म की कमजोर कड़ी इसकी रफ़्तार है, जो की बहुत बड़ी समस्या भी है। सब कुछ काफी आराम से धीरे-धीरे चल रहा होता है। एक वक्त के बाद ऐसा लगता है कि फिल्म का इंटरवल कब होगा, क्लाइमेक्स भी काफी बड़ा है, जिसे क्रिस्प किया जाता तो फिल्म और भी बेहतर नजर आती।