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MOVIE REVIEW: बेहद ही बोरिंग कहानी है 'जूली 2'

Updated 24 November, 2017 05:33:34 PM

फिल्म जूली 2 आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। ये फिल्म 2004 में जूली का दूसरा पार्ट है। फिल्म की कहानी जूली (राय लक्ष्मी) की है। वह अपनी मां के साथ एक ऐसे परिवार में रहती है जहां उसका सौतेले पिता भी है। एक नाजायज औलाद है जिसका पता उसे बाद में चलता है। जूली ने एक्टिंग और डांस का कोर्स कर रखा है। लेकिन उसके पास काम नहीं है। जब वो काम की तलाश में जाती है तो निर्माता-निर्देशक उसे दूसरी नजर से देखते हैं। उसकी जिंदगी में अलग-अलग लोगों की एंट्री होती है। इसी दौरान वो क्रिश्चियन महिला ऐनी के पास पहुंचत

मुंबई: फिल्म जूली 2 आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। ये फिल्म 2004 में जूली का दूसरा पार्ट है। फिल्म की कहानी जूली (राय लक्ष्मी) की है। वह अपनी मां के साथ एक ऐसे परिवार में रहती है जहां उसका सौतेले पिता भी है। एक नाजायज औलाद है जिसका पता उसे बाद में चलता है। जूली ने एक्टिंग और डांस का कोर्स कर रखा है। लेकिन उसके पास काम नहीं है। जब वो काम की तलाश में जाती है तो निर्माता-निर्देशक उसे दूसरी नजर से देखते हैं। उसकी जिंदगी में अलग-अलग लोगों की एंट्री होती है। इसी दौरान वो क्रिश्चियन महिला ऐनी के पास पहुंचती है। उसे काम मिलना शुरू हो जाता है। लेकिन एक वक्त के बाद फिर उसके पास काम नहीं है। तब उसे समझौते करने पड़ते हैं। वो अलग-अलग तरीके के लोगों से मिलने की कोशिश करती है। इस दौरान बहुत सारे ट्विस्ट और टर्न्स देखने को मिलते हैं। इन्हीं के साथ फिल्म की कहानी आगे बढ़ती है। आखिरकार कहानी में एक बड़ा ट्विस्ट आता है जब जूली एक महारानी की बायोपिक फिल्म 'देवी' करने के लिए जाती है। कई सारे राज का पर्दाफ़ाश होता है। जो महारानी है उसकी डेथ होती है। उसके पति हैं पंकज त्रिपाठी. कहानी में किस तरह पंकज त्रिपाठी, रवि किशन और निशिकांत कामत की एंट्री होती है ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।

फिल्म की कहानी बोर करने वाली है। घिसी-पिटी कहानी है। रिवेंज ड्रामा बहुत सारे बनाए गए हैं, लेकिन जूली 2 बहुत ही कमजोर कहानी है। आपको पता होता है कि अगले पल क्या होने वाला है। थ्रिलर तो है पर ये कहीं थ्रिलर जैसी लगती नहीं है। करीब सवा दो घंटे की फिल्म 3 घंटे से भी ज्यादा बड़ी लगती है। फ़िल्म में गाने भी बड़े बड़े हैं।गानों को छोटा किया जा सकता था। एडिटिंग और चुस्त हो सकती थी। फिल्म की कहानी बेहतर बनाई जा सकती थी। लंबे लंबे शॉट्स को छोटा किया जा सकता था। कहानी पर काम किया जाना जरूरी था, जिसकी कमी फिल्म देखते साफ़ समझ आती है। राय लक्ष्मी ने हिंदी फ़िल्म में संवाद रुक-रुक कर बोला है। यह थोड़ा अटपटा है।फिल्म की कहानी कभी लव एंगल की तरफ जाती है कभी रिवेंज ड्रामे की तरफ तो कभी इमोशन की तरफ पहुंच जाती है। कहानी में कई सिरे हैं जो भटके हुए हैं।

बजट करीब 9-10 करोड़ रुपये है। बॉक्स ऑफिस पर फिल्म को अपनी कमाई निकाल पाने में मुश्किल हो सकती है। फिल्म और बेहतर बनाई जा सकती थी। बॉक्स ऑफिस पर फिल्म कितना कमा पाएगी, यह देख पाना मुश्किल होगा।  

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