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MOVIE REVIEW: 'मॉनसून शूटआउट'

Updated 15 December, 2017 10:38:36 AM

बॉलीवुड एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी की फिल्म ''मॉनसून शूटआउट'' आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। अमित कुमार के निर्देशन में बनी फिल्म मॉनसून शूटआउट की कहानी एक अपराधी और एक ईमानदार पुलिस के इर्द-गर्द घूमती है। फिल्म की कहानी आदी (विजय वर्मा) के क्रइम ब्रांच में पुलिस अधिकारी के तौर पर पहले दिन से शुरू होती है।

मुंबई: बॉलीवुड एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी की फिल्म 'मॉनसून शूटआउट' आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। अमित कुमार के निर्देशन में बनी फिल्म मॉनसून शूटआउट की कहानी एक अपराधी और एक ईमानदार पुलिस के इर्द-गर्द घूमती है। फिल्म की कहानी आदी (विजय वर्मा) के क्रइम ब्रांच में पुलिस अधिकारी के तौर पर पहले दिन से शुरू होती है। पहले ही दिन उनके सीनियर खान (नीरज काबी) के जरिए उन्हें पता चलता है कि हकीकत में किस तरह से केस सुलझाए जाते हैं। इसके बाद उन्हें पता चलता है कि शहर के एक बिल्डर को झुग्गी का मालिक डागर और शिवा (नवाजुद्दीन) मिलकर धमका रहे हैं। डागर के लिए काम करने वाला शिवा बारिश में आदी के सामने होता है। यहीं आदी को निर्णय लेना होता है कि वो शिवा को गोली मारे या छोड़ दे। उसे अपने पिता के शब्द याद आ जाते हैं जहां वो तीन रास्तों के बारे में बताते हैं- सही, गलत और बीच का।

फिल्म में नवाजुद्दीन के रोमांटिक सीन भी हैं। एक्टिंग के मामले में नवाज की जितनी तारीफ की जाए कम है। इसस फिल्म को डायरैक्टर ने तीन तरह से पेश करने की कोशिश की है। फिल्म में सिर्फ दो गाने रखे गए हैं। गाने रोचक कोहली ने कंपोज किए हैं। इस फिल्म के ट्रेलर रिलीज के बाद कई लोगों ने इसकी सराहना की। बता दें, यह भारत का पहला इंटरैक्टिव ट्रेलर था। मतलब कि यह दर्शकों को सही और गलत विकल्प को चुनने का मौका देता है। दोनों शॉर्ट ट्रेलर में पुलिसवाले का ये डायलॉग ‘मुझे लगता है कोई फैसला लेने के लिए हमारे पस बहुत वक्त होता है , लेकिन होता है सिर्फ एक पल’। कहानी में नया मोड़ लाता है।

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Monsoon Shootoutmovie review

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