कई कानूनी अड़चने पार कर प्रियंका चोपड़ा की फिल्म द व्हाइट टाइगर अमेजॉन प्राइम पर रिलीज हो गई है। रामिन बहरानी के निर्देशन में बनीं इस फिल्म में प्रियंका चोपड़ा के अलावा आदर्श गौरव, राजकुमार राव ने भी दमदार किरदार से लोगों का दिल जीता है। फिल्म आजादी और गुलामी के चक्रव्यूह को समझाती है।
23 Jan, 2021 11:09 AMबॉलीवुड तड़का टीम. कई कानूनी अड़चने पार कर प्रियंका चोपड़ा की फिल्म द व्हाइट टाइगर अमेजॉन प्राइम पर रिलीज हो गई है। रामिन बहरानी के निर्देशन में बनीं इस फिल्म में प्रियंका चोपड़ा के अलावा आदर्श गौरव, राजकुमार राव ने भी दमदार किरदार से लोगों का दिल जीता है। फिल्म आजादी और गुलामी के चक्रव्यूह को समझाती है। अगर आप भी फिल्म देखने की तैयारी में हैं तो आईए जान लेते हैं एक बार इसका मूवी रिव्यू...
कहानी
'द व्हाइट टाइगर’ में भारत के लोगों के संघर्ष को दिखाया गया है। फिल्म में बलराम हलवाई (आदर्श गौरव) जो गांव के जमींदार के यूएस रिटर्न बेटे अशोक (राजकुमार राव) का कार ड्राइवर बन जाता है। अशोक की भारतीय मूल की अमेरिकी पत्नी पिंकी (प्रियंका) भी उसके साथ आई है। यह नई सदी का शुरुआती दौर है, जिसमें अशोक बेंगलुरू जाकर आउटसोर्सिंग बिजनेस में पैर जमाना चाहता है।
अशोक और पिंकी बलराम को जमींदार परिवार से अलग इंसानी नजरिये से देखते हैं। लेकिन उनका परिवार बलराम के साथ बुरा व्यव्हार करता है। बलराम अशोक के घर एक नौकर की तरह काम जरूर करता है, लेकिन दिमाग घोड़े से भी तेज चलता है। उसे लगता है कि किसी बड़े इंसान के यहां अगर नौकर भी बन गया तो उसे ये गुलामी का पिंजरा तोड़ने का एक मौका तो जरूर मिल ही जाएगा। बलराम अशोक के परिवार के प्रति काफी वफादार रहता है और खुद को उनके परिवार का ही सदस्य मानने लग जाता है।
कहानी में ट्विस्ट उस वक्त आता है, जब पिंकी शराब के नशे में धुत गाड़ी चलाते हुए बच्ची को टक्कर मार देती है और इस एक्सीडेंट का सारा इल्जाम बलराम के ऊपर आ जाता है। जमींदार-परिवार बलराम से स्टांप पेपर पर लिखवा लेता है कि यह एक्सीडेंट उसने किया है। तब बलराम को महसूस होता है कि अमीर मुफ्त में कुछ नहीं देते। बस यहीं से जन्म होता है 'व्हाइट टाइगर' का। 'व्हाइट टाइगर'- एक पीढ़ी में एक ही पाई जाने वाली दुर्लभ नस्ल।
एक्टिंग
राजकुमार राव और प्रियंका चोपड़ा अपने किरदारों में खूब जमे हैं। वहीं आदर्श गौरव ने भी विलेन बन किरदार में जान डाल दी है। फिल्म की बाकी स्टारकास्ट का रोल भी काफी शानदार रहा है।
डायरेक्शन
निर्देशक रमीन बहरानी ने फिल्म में जान डालने की अच्छी कोशिश की है। जो कि निःसंदेह फिल्म में देखने को भी मिलती है। दो घंटे पांच मिनट की ये फिल्म आपको यही अहसास कराती रहेगी कि आपको गुलाम बनना है या मालिक। आदर्श गौरव का किरदार ये सोचने किए लिए आपको पूरी तरह मजबूर करता है कि आपको किस रास्ते पर जाना है।
बता दें, 'द व्हाइट टाइगर' फिल्म द न्यूयॉर्क टाइम्स की बेस्ट सेलर बुक द व्हाइट टाइगर पर आधारित है।