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Movie review: 'ठाकरे'

Updated 25 January, 2019 03:36:26 PM

बॉलीवुड एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी की फिल्म ''ठाकरे'' आज रिलीज हो गई है। ये फिल्म बाला साहब ठाकरे की बायोपिक हैं। फिल्म में बाला साहब ठाकरे का रोल नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने अदा किया है। फिल्म का निर्देशन अभिजीत पनसे ने किया है। फिल्म में नवाजुद्दीन के अलावा अमृता राव भी लीड रोल में हैं।

मुंबईः बॉलीवुड एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी की फिल्म 'ठाकरे' आज रिलीज हो गई है। ये फिल्म बाला साहब ठाकरे की बायोपिक हैं। फिल्म में बाला साहब ठाकरे का रोल नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने अदा किया है। फिल्म का निर्देशन अभिजीत पनसे ने किया है। फिल्म में नवाजुद्दीन के अलावा अमृता राव भी लीड रोल में हैं। अमृता ने बाला साहब की पत्नी मीनाताई ठाकरे का रोल अदा किया है। ये फिल्म आज सुबह 4:15 बजे सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। ठाकरे के कार्यकर्ता और नेता सुबह ही ढोल-नगाड़े लेकर थिएटर के बाहर पहुंच गए थे। पूरे हाॅल को फूलों से सजाया गया था। बता दें कि हाॅल के बाहर शिवसेना के कार्यकर्ता और नेता भी मौजूद थे। बाल ठाकरे के लिए महाराष्ट्र के लोगों मन में काफी सम्मान है। 

 

Bollywood Tadka


कहानी


फिल्म शिवसेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे की जिंदगी पर आधारित है। फिल्म में उन्हें एक आदर्श की तरह दिखाया गया है, जिनके हर कदम को फिल्म में सही ठहराया गया है। फिल्म की शुरुआत होती है 90 के दशक से जब ठाकरे को कोर्ट में खड़ा करके उनसे बाबरी मस्जिद ढहाने को लेकर उनकी भूमिका के बारे में सवाल किया जाता है। इसी के साथ उनकी जिंदगी के जुड़े कुछ फ़्लैशबैक्स भी दिखाए जाते हैं जो आगे जाकर उनकी जिदंगी को आकर देते हैं।

 

बता दें कि ठाकरे ने फ्री प्रेस एक्सप्रेस में बतौर कार्टूनिस्ट अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद वह कैसे पॉलिटिक्स की सबसे निडर और निर्भीक शख्सियत बनकर उभरे, शिवसेना का गठन कैसे हुआ, पार्टी कैसे बाकी राज्यों के लोगों को महाराष्ट्र से भगाने के लिए हिंसा पर उतारू हुई और कई दंगों में भी उसकी भूमिका संदिग्ध रही। 

 

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डायरेक्शन

फिल्म ठाकरे की जिंदगी के कई पहलुओं पर प्रकाश तो डालती है लेकिन सतही तौर पर जिसकी वजह से उतनी प्रभावशाली नहीं बन पाती जितनी कि उम्मीद थी। निर्देशक अभिजीत पनसे ने ठाकरे की जिंदगी के उतार-चढ़ाव वाले पलों को छुआ जरुर है लेकिन दुर्भाग्यवश फिल्म केवल उनकी लाइफ का कैरीकेचर ही दिखा पाती है, उसमें आत्मा और इमोशन नहीं जाग पाते।


नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने बालासाहेब के किरदार को निभाने के लिए काफी मेहनत की है लेकिन उनके एफर्ट नाकाफी हैं। नवाज ठाकरे का चार्म नहीं जगा पाए। यहां तक कि यह उनके करियर की सबसे वीक परफॉरमेंस है। वहीं, ठाकरे की पत्नी मीना ताई के रोल में अमृता राव के पास करने लायक ज्यादा कुछ नहीं है। वह भी अपनी एक्टिंग के जरिए कुछ खास नहीं कर पाईं। 
 

: Konika

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