चार साल के छोटे से टाइम ड्यूरेशन में, एक्टर भूमि पेडनेकर ने इंडस्ट्री में अपने लिए खास जगह बना ली है। 2015 में फिल्म ''दम लगा के हईशा'' में एक ओवरवेट लड़की, 2017 में टॉयलेट: एक प्रेम कथा में अपने अधिकारों के लिए लड़ने वाली महिला, इस साल ''सांड की आंख'' में 65 साल की दादी की भूमिका या अभी फिल्म ''बाला'' में सांवली लड़की का किरदार, भूमि अपनी ऑफ-बीट और अनट्रेडिश्नल कैरेक्टर्स से बॉलीवुड में छाई हुई हैं
15 Nov, 2019 01:10 PMबॉलीवुड तड़का डेस्क। चार साल के छोटे से टाइम ड्यूरेशन में, एक्टर भूमि पेडनेकर ने इंडस्ट्री में अपने लिए खास जगह बना ली है। 2015 में फिल्म 'दम लगा के हईशा' में एक ओवरवेट लड़की, 2017 में टॉयलेट: एक प्रेम कथा में अपने अधिकारों के लिए लड़ने वाली महिला, इस साल 'सांड की आंख' में 65 साल की दादी की भूमिका या अभी फिल्म 'बाला' में सांवली लड़की का किरदार, भूमि अपनी ऑफ-बीट और अनट्रेडिश्नल कैरेक्टर्स से बॉलीवुड में छाई हुई हैं और मोस्ट डिमांडिंग एक्ट्रेस बनी हुई हैं।
भूमि कहती हैं कि उनका करियर समय के साथ बेहतर होता जा रहा है। 30 साल की भमि का कहना है कि, "हर किरदार जो मैं निभाती हूं, वह पहले से अधिक चुनौतीपूर्ण होता है और मुझे एक बेहतर एक्ट्रेस बनाता है। जब भी मैं आगे क्या होगा ये सोचती हूं, कुछ बेहतरीन राइटर्स और डायरेक्टर मेरे सामने आ जाते हैं। यह केवल डेब्यू है और मैं लोगों को बताती हूं कि 'सांड की आंख' और 'बाला' केवल मेरी पांचवीं और छठी फिल्में हैं। मेरी जर्नी बहुत छोटी और सुंदर रही है और आगे मेरे पास जाने के लिए एक लंबा रास्ता है"
वह बताती है कि, "मुझे डांस करना पसंद है और मैं आइटम सॉन्ग्स के खिलाफ नहीं हूं" वह कहती हैं, "मुझे स्क्रीन पर बिकनी पहनने वाली महिलाओं के साथ कोई समस्या नहीं है। मैं भी किसी दिन स्क्रीन पर इसे पहनूंगी। आज के समय में एक्टर या एक्ट्रेस एक ऐसा व्यक्ति है जो किसी को भी बेहतर होने या करने के लिए प्रेरित करता है।"
भूमि का यह भी मानना है कि उनके काम में केवल एंटरटेनमेंट ही नहीं बल्कि समाज के लिए योगदान भी होना चाहिए। अगर ऑडिएंस थिएटर से बाहर निकलने के बाद कुछ अच्छा करती है, तो मुझे खुशी होगी"