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अश्लील वीडियो मामले में राज कुंद्रा के वकील का तर्क- कंटेंट वल्गर था, लेकिन उसे एडल्ट कैटेगरी में नहीं डाल सकते

Updated 22 July, 2021 12:18:16 PM

. एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी के पति और बिजनेसमैन राज कुंद्रा पॉर्नोग्राफी केस में 23 जुलाई तक पुलिस रिमांड में हैं। इस मामले में उनके ऑफिस में मुंबई पुलिस ने बुधवार शाम छापेमारी भी की। इस दौरान पुलिस ने उनके ऑफिस के कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क और सर्वर को सीज कर लिया है। वहीं अब इस सब मामले पर राज कुंद्रा के वकील का बयान सामने आया है। उनके वकील ने पोर्न स्कैंडल केस में मुंबई पुलिस द्वारा सामग्री को पोर्न के रूप में बताए जाने पर आपत्ति जताई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार को राज कुंद्रा के वकील पोंडा

बॉलीवुड तड़का टीम. एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी के पति और बिजनेसमैन राज कुंद्रा पॉर्नोग्राफी केस में 23 जुलाई तक पुलिस रिमांड में हैं। इस मामले में उनके ऑफिस में मुंबई पुलिस ने बुधवार शाम छापेमारी भी की। इस दौरान पुलिस ने उनके ऑफिस के कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क और सर्वर को सीज कर लिया है। वहीं अब इस सब मामले पर राज कुंद्रा के वकील का बयान सामने आया है। उनके वकील ने पोर्न स्कैंडल केस में मुंबई पुलिस द्वारा सामग्री को पोर्न के रूप में बताए जाने पर आपत्ति जताई है।


एक रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार को राज कुंद्रा के वकील पोंडा ने कोर्ट में कहा कि कंटेंट को पोर्नोग्राफी कहना सही नहीं है। इस रिमांड में कुछ भी ऐसा नहीं दिखा है कि दोनों शख्स राज और रयान पोर्नोग्राफिक कंटेंट बना रहे थे। कंटेंट वल्गर था, लेकिन उसे अश्लील नहीं कह सकते।

 


राज की गिरफ्तारी पर वकील ने आगे कहा, ‘गिरफ्तारी तब होनी थी जब उसके बिना जांच आगे नहीं हो सकती थी, लेकिन इस केस में गिरफ्तारी के बाद उनसे इन्वेस्टिगेशन की गई। उनकी गिरफ्तारी कानून के हिसाब से नहीं हुई है।’  


वकील ने अपनी दलील में आगे कहा कि अश्लील सामग्री से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धाराओं के साथ इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील सामग्री भेजने पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 ए को लागू करना गलत है, क्योंकि यह कानून "वास्तविक संभोग" को पोर्न मानते हैं। इस अलावा कुछ भी महज अश्लील सामग्री है।
पोंडा ने कहा कि आईटी अधिनियम की धाराओं को आईपीसी की धाराओं के साथ नहीं पढ़ा जा सकता है, लेकिन यहां पुलिस ने ऐसा ही किया है। आईटी अधिनियम की धारा 67 ए यौन स्पष्ट कृत्यों के बारे में बात करती है।

 

उन्होंने आगे कहा कि फिलहाल जो वेब सीरीज बनाई जा रही है पुलिस उन्हें अश्लील सामग्री मान रही है, लेकिन यह वास्तव में पोर्न के रूप में वर्गीकृत नहीं है। इस रिमांड में ऐसा कुछ भी नहीं दिखाता जिसमें दो लोग वास्तव में संभोग कर रहे थे। अगर वह वास्तविक संभोग नहीं है, तो इसे पोर्न के रूम में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता है।

Content Writer: suman prajapati

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