फैंस की मोस्ट अवेटड फिल्म चेहरे सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी हैं। दूसरे लॉकडाउन के बाद थिएटर्स में रिलीज होने वाली बेल बॉटम के बाद यह दूसरी फिल्म है। बतौर निर्देशक रूमी जाफरी की फिल्म ‘चेहरे’ उनकी चौथी फिल्म है। ‘चेहरे’ एक छद्म कोर्टरूम ड्रामा फिल्म है जिसमें पूरा जोर इसके संवादों पर है। फिल्म के बजाय ये कहानी रंगमंच का एक नाटक लगती है और यही इसकी सबसे कमजोर कड़ी है।
27 Aug, 2021 02:04 PMबॉलीवुड तड़का टीम. फैंस की मोस्ट अवेटड फिल्म चेहरे सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी हैं। दूसरे लॉकडाउन के बाद थिएटर्स में रिलीज होने वाली बेल बॉटम के बाद यह दूसरी फिल्म है। बतौर निर्देशक रूमी जाफरी की फिल्म ‘चेहरे’ उनकी चौथी फिल्म है। ‘चेहरे’ एक छद्म कोर्टरूम ड्रामा फिल्म है जिसमें पूरा जोर इसके संवादों पर है। फिल्म के बजाय ये कहानी रंगमंच का एक नाटक लगती है और यही इसकी सबसे कमजोर कड़ी है।
कहानी
एक बड़ी कंपनी का सीईओ दिल्ली पहुंचने के लिए शॉर्टकट लेता है। बर्फीले तूफान में के कारण उसकी गाड़ी खराब हो जाती है, जिसकी वजह से उसे एक सुनसान जगह में बनी हवेली में शरण लेनी पड़ती है। हवेली में एक रिटायर्ड जज है, एक जल्लाद है और दो वकील हैं। वहां एक सजा काटकर लौटा युवक है और घरेलू काम करने वाली एक युवती भी है। सबकी कहानियां किसी न किसी चौराहे पर अतीत में मिलती हैं और ये सब मिलकर हवेली में आने वाले अजनबियों के साथ कानून का खेल खेलते हैं। सीसीटीवी कैमरे में इसे रिकॉर्ड करते हैं और यहां से भागने वालों का आखिर तक पीछा भी करते हैं।
एक्टिंग
फिल्म में सभी स्टार्स की एक्टिंग कमाल की है। बचाव पक्ष के वकील के तौर अन्नू कपूर पूरे किरदार में ढले दिखे हैं। रिया चक्रवर्ती की फिल्म में अपीयरेंस कुछ खास नही है। वह अपने अभिनय से फैंस का दिल जीतने में नाकामयाब होती नजर आई हैं। क्रिस्टल डिसूजा अपनी एक्टिंग का असर छोड़ने में सफल रहीं।
डायरेक्शन
डायरेक्टर रूमी जाफरी ने फिल्म में अपने कंफर्ट जोन से हटकर जरूर कुछ करने की कोशिश की है। पर्दे पर भी उनकी मेहनत देखने को मिल रही है।