main page

Review: 'सेक्रेड गेम्स'

Updated 12 July, 2018 01:24:37 PM

बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान और नवाजुद्दीन सिद्दीकी की वेब सीरीज ''सेक्रेड गेम्स'' आज रिलीज हो गई है। ये सीरीज नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई है। यह वेब सीरीज विक्रम चंद्रा के नॉवेल पर आधारित है। इस सीरीज को विक्रमादित्य मोटवानी और अनुराग कश्यप ने मिलकर निर्देशित किया है। एकाध बातों को छोड़कर कश्यप ने इस सीरीज़ के पहले सीज़न के आठों एपिसोड में कुछ भी ऐसा नहीं किया जो आपने पहले नहीं देखा हो। नवाज़ का कैरेक्टर तो इतना क्लिशेड है कि कई बार आपको लगता है कि ''वासेपुर'' का फैजल सबका बदला लेने वहां से मु

मुंबई: बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान और नवाजुद्दीन सिद्दीकी की वेब सीरीज 'सेक्रेड गेम्स' आज रिलीज हो गई है। ये सीरीज नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई है। यह वेब सीरीज विक्रम चंद्रा के नॉवेल पर आधारित है। इस सीरीज को विक्रमादित्य मोटवानी और अनुराग कश्यप ने मिलकर निर्देशित किया है। एकाध बातों को छोड़कर कश्यप ने इस सीरीज़ के पहले सीज़न के आठों एपिसोड में कुछ भी ऐसा नहीं किया जो आपने पहले नहीं देखा हो। नवाज़ का कैरेक्टर तो इतना क्लिशेड है कि कई बार आपको लगता है कि 'वासेपुर' का फैजल सबका बदला लेने वहां से मुंबई आ गया है। इसमें जो 'ईसा' हैं वो रामाधीर सिंह के किरदार से मिलते-जुलते हैं। इसको ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ का हैंगओवर माना जा सकता है, लेकिन ‘सेक्रेड गेम्स’ में डायलॉग से लेकर गैंगवॉर तक का एक भी सीन ऐसा नहीं है जिसे अनुराग वासेपुर के करीब ले जाने में सफल हो पाए हों।

 

Bollywood Tadka

 

क्लिशेड होने का स्तर यहां तक है कि अगर अनुराग का बस चले तो वो नवाज़ के कैरेक्टर की मां के कैरेक्टर को हर फिल्म/सीरीज़ में बदचलन बना दें। 'वासेपुर' के बाद नवाज़ के किसी किरदार ये दूसरी फिल्म/सीरीज़ है जिसमें उनके किरदार की मां चरित्रहीन है और इस वजह से वो बाकी दुनिया से अलग या ऊपर उठ गए हैं। वहीं, नवाज़ को अनुराग के अलावा कई और डायरेक्ट रंक से राजा वाले किरदार के कैरेक्टर में इतनी बार रंग चुके हैं कि अब उनको देखते ही लगता है कि अरे, ये तो बड़ा होकर बड़ा आदमी बनेगा। ये इसलिए भी घुटन देने वाला है कि 90 के दशक के बच्चे जब बड़े हो रहे थे तब उन्हें अमिताभ बच्चन से लेकर कई ऐसे एक्टर्स के किरादरों का रंक से राजा बनने की आदत पड़ गई थी। 

 

Bollywood Tadka


 सीरीज़ की चमक-दमक बिल्कुल नई है। हिंदी से जुड़ी किसी तरह की फिल्म या सीरीज़ में इतने बोल्ड तरीके से कभी किसी शी-मेल को नहीं दिखाया गया। वहीं, हिंदी से जुड़ी किसी तरह की फिल्म या सीरीज़ में कभी किसी रॉ की महिला अधिकारी को प्लाइंट ब्लैंक रेंज से गोली नहीं मारी गई। हिंसा के दृश्यों में कुल्हाड़ी का इतनी बेदर्दी से कभी इस्तेमाल नहीं किया गया। लेकिन बात फिर घूम-फिरकर वहीं पर आ जाती है कि देखने वाला जानता है कि अगर अनुराग कश्यप हैं तो इससे भी करारी चीज़ें देखने को मिल सकती हैं।

 

Bollywood Tadka

 

 सैफी अली खान के सरदार पुलिस ऑफिसर के किरदार में भी वो जान नहीं दिखती जैसी इम्तियाज़ अली के ‘लव आज कल’ वाले सैफ के सरदार वाले किरदार में दिखी थी। कई दृश्यों में तो ऐसा लगता है कि अब ट्रांजिशन होगा और सैफ ‘एंड वी ट्विस्ट’ वाला गाना गाते चॉकलेट बॉय में बदल जाएंगे। फजीहत का आलम ये है कि एक सीन में जब फ्रस्टेट होकर सैफ चिल्ला उठते हैं तो उनकी फटी आवाज़ बता रही होती है कि पुलिस ऑफिसर का ये किरदार उनसे ना हो पाएगा।

:

sacred gamessaif ali khanreviewNawazuddin SiddiquiRadhika Apte

loading...