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Movie Review: राजनीतिक व्यंग्य और सामाजिक सरोकार की कहानी है मैडम चीफ मिनिस्टर

Updated 22 January, 2021 05:09:47 PM

वो कहते हैं ना जब एक महिला कुछ करने का ठान लेती है तो उसे कोई भी ताकत नहीं रोक सकती है। ऐसी ही एक कहानी के साथ सुभाष कपूर की डायरेक्शन में बनी फिल्म ''मैडम चीफ मिनिस्टर'' आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है...

फिल्म: मैडम चीफ मिनिस्टर
एक्टर: रिचा चड्ढा,मानव कौल,अक्षय ओबेरॉय,सौरभ शुक्ला,सुब्रज्योति
डायरेक्टर: सुभाष कपूर
स्टार: 3* स्टार

 

नई दिल्ली। वो कहते हैं ना जब एक महिला कुछ करने का ठान लेती है तो उसे कोई भी ताकत नहीं रोक सकती है। ऐसी ही एक कहानी के साथ सुभाष कपूर की डायरेक्शन में बनी फिल्म 'मैडम चीफ मिनिस्टर' आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है।

 

कहानी
फिल्म की कहानी की बात करें तो सुभाष कपूर की ये फिल्म तारा (रिचा चड्ढा) के इर्द गिर्द घूमती है। फिल्म की शुरुआत ही एक दलित की शादी से होती है जो काफी धूमधाम से अपनी बारात लेकर जाता है लेकिन जब वो रास्ते में पहुंचता है तो उसकी वजह से एक ठाकुर परिवार को परेशानी होती है जिसकी वजह से शादी की खुशियां गोलीबारी के बाद मातम में बदल जाती है। इस गोलीबारी में एक दलित युवक जिसका नाम रूप राम होता है उसकी मौत हो जाती है। रूप राम की मौत से कुछ वक्त पहले ही उसकी पत्नी को एक लड़की होती है। 

 

 

धीरे-धीरे वक्त गुजरता है और साल 2005 आता है। वो छोटी सी बच्ची भी दकियानूसी बेड़ियों को पार करते हुए बड़ी होती है। जिसके कारण वो छोटी सी मासूम बच्ची तारा (ऋचा चड्ढा) अब गुस्से वाली युवा महिला बन जाती है क्योंकि वो बचपन से अपने हक के लिए समाज से लड़ती है। इसी बीच उसकी लड़ाई अपने प्रेमी इंदु त्रिपाठी (अक्षय ओबेरॉय) से होती है। इंदु की तरफ से हुए इस अपमान से तारा का गुस्सा और भी बढ़ जाता है और वो कुछ करने का ठान लेती है।

 

तारा को मिलता है मास्टर जी का समर्थन
इसके बाद वो दलित नेता मास्टर जी (सौरभ शुक्ला) से मिलती है। मास्टर जी की पार्टी शुरुआत से ही दलित लोगों के समर्थन में खड़ी रहती है और जब मास्टर जी देखते हैं कि तारा के अंदर अपनी जाति के प्रति ज्यादा जोश हैं तो मास्टर जी उसको समर्थन देते हैं और फिर तारा राजनीति की दुनिया में कदम रखती है। अब तारा इस राजनीति के दलदल में उतकर सभी विश्वासघात और धोखे की लड़ाई को पार करते हुए खुद को यहां पर स्थिर करते हुए मुख्यमंत्री बन पाती है या नहीं ये देखने के लिए आपको मैडम चीफ मिनिस्टर देखनी पड़ेगी।

 

एक्टिंग
इस फिल्म में लीड रोल निभा रही रिचा चड्ढा ने एक ऐसी महिला का किरदार निभाया है जिसे हर जगह से धोखा मिला है। अब इस धोखाखाई महिला और गुस्से में रहने वाली महिला का किरदार निभाते वक्त रिचा ने किसी भी तरह का कोई लेकिन लगने नहीं दिया। उन्होंने अपने किरदार को पर्दे पर कुछ इस तरह से बिखेरा है कि वो एक शक्तिशाली किरदार बन गया। वहीं अगर सौरभ शुक्ला की बात करें तो उन्होंने भी अपने किरदार के साथ पूरी तरह से न्याय किया है। सुभ्रज्योति बारात और अक्षय ओबेरॉय ने भी अपने किरदार को जीते हुए पर्दे पर उतारा है। हालांकि इसमें कोई शक नहीं कि रिचा हमेशा की तरह अपनी एक्टिंग से हर किसी पर भारी पड़ी हैं।

 

 

डायरेक्शन
अगर आपकी राजनीति में रुचि है तो ये फिल्म आपको कहीं पर भी बोर नहीं करेगी लेकिन अगर आप कॉमेडी और रोमांटिक फिल्म देखने की चाहत रखते हैं तो सुभाष कपूर की ये फिल्म आपको थोड़ा निराश कर सकती है। सुभाष कपूर ने अपनी इस फिल्म में उन बारीक कड़ियों को विभन्न परतों के साथ सामने रखा है। फिल्म के कुछ डायलॉग फिल्म के लिए प्लस पॉइंट्स बनकर सामने आ रहे हैं। 

: Chandan

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