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Review : कुर्सी के खेल से राजनीति के दलदल तक की कहानी है तांडव

Updated 15 January, 2021 03:42:20 PM

जब राजनीति के खेल में कुर्सी की भूख जब लगती है तो कोई भी सही गलत नहीं होता है। इसी कहानी के साथ आज अमेजन प्राइम वीडियो पर जफर अली अब्बास की सीरीज तांडव स्ट्रीम हो गई है।पॉलिटिकल ड्रामा वेब सीरीज ''तांडव'' में दो कहानी एक साथ चलती है जहां एक तरफ कुर्सी की पाने की जंग चल रही हैं तो वहीं यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर  जातिवाद, पूंजीवाद, फासीवाद से आजादी के लिए स्टूडेंट लड़ रहे हैं लेकिन दोनों ही कहानी एक दूसरे से जुदा है...

वेबसीरीज: तांडव
निर्देशक: अली अब्बास जफर
कलाकार: सैफ अली खान, डिंपल कपाड़िया, मोहम्मद जीशान अयूब, सुनील ग्रोवर, सारा जेन डायज, कृतिका कामरा, तिग्मांशु धूलिया
स्टार: 3.5* स्टार

नई दिल्ली। जब राजनीति के खेल में कुर्सी की भूख जब लगती है तो कोई भी सही गलत नहीं होता है। इसी कहानी के साथ आज अमेजन प्राइम वीडियो पर जफर अली अब्बास की सीरीज तांडव स्ट्रीम हो गई है।पॉलिटिकल ड्रामा वेब सीरीज 'तांडव' में दो कहानी एक साथ चलती है जहां एक तरफ कुर्सी की पाने की जंग चल रही हैं तो वहीं यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर  जातिवाद, पूंजीवाद, फासीवाद से आजादी के लिए स्टूडेंट लड़ रहे हैं लेकिन दोनों ही कहानी एक दूसरे से जुदा है।

कहानी
सीरीज की कहानी शुरु होती है दिल्ली में पीएम की कुर्सी के लिए चल रहे चुनाव में दो बार गद्दी जीत चुकी दक्षिणपंथी पार्टी जन लोक दल (जेएलडी) अब तीसरी बार चुनाव जीतने के कगार पर हैं लेकिन अचानक ही देवकी नंदन (तिग्मांशु धूलिया) जो पीएम बनने को तैयार है उनकी मौत हो जाती है।अब कुर्सी की दावेदारी के लिए जंग चलती है हर किसी को लगता है कि देवकी नंदन की मौत के बाद उनके पुत्र समर प्रताप सिंह सैफ अली खान कुर्सी पर बैठेंगे लेकिन राजनीति का खेल ही कुछ ऐसा है कि खुद समर प्रताप कुर्सी को ठुकरा देते हैं। अब ये कुर्सी किसकी होगी ये तो आपको सीरीज देखकर ही पता चलेगा।

इसके साथ ही सीरीज में चल रही यूनिवर्सिटी की कहानी काफी हद तक जेएनयू से मिलती है। भले ही सीरीज में यूनिवर्सिटी का नाम वीएनयू रखा गया है लेकिन आंदोलन से लेकर राजनीति के गुड़ सब जेएनयू से मिलते दिखाई दे रहे हैं। यहां पर किसान आंदोलन  के साथ खड़ा ये युवा छात्र नेता शिवा शेखर (मोहम्मद जीशान अय्यूब) रातोंरात सोशल मीडिया पर स्टार बन जाता है। रातों रात फेमस होने पर शिवा शेखर की आवाज पीएम हाउस तक भी पहुंच जाती है फिर उसे राजनीति में उतरने का ऑफर मिलता है पहले तो वो  मना करता है लेकिन फिर वो इस दलदल में उतर जाता है। अब राजनीति उसे खत्म कर देती है या वो राजनीति में ताडंव मचाते हुए उभर कर आता है ये देखने के लिए 9 एपिसोड़ की ये सीरीज तांडव देखनी पड़ेगी।

एक्टिंग
जफर अली अब्बास की सीरीज तांडव में जितने सितारे हैं उतनी ही मजेदार उनके किरदार हैं। समर प्रताप सिंह किंग मेकर की भूमिका में उभरकर सामने आते हैं। डिंपल कपाड़िया ने अपनी भूमिका से दर्शकों के मन में विश्वास पैदा किया। वहीं सुनील ग्रोवर ने भी सीरीज में मिले मौके का पूरा फायदा उठाते हुए अपने किरदार को निभाया है।इसके साथ ही सीरीज में कई और किरदार हैं जिन्होंने अपने पूरे किरदार के साथ न्याय किया है।

डायरेक्शन
तांडव एक पॉलिटिल थ्रिलर सीरीज है जफर अली अब्बास ने अपनी इस सीरीज में सभी एक्टर काफी चुन चुनकर रखे हैं। जहां भी कहानी थोड़ी सी ट्रैक से हिलती है वहीं पर ये सभी सितारे उसे उठाकर ट्रैक पर ले आते हैं। वहीं हर सीरीज की तरह तांडव का पहला सीजन भी दर्शकों के मन में कुछ सवाल छोड़कर खत्म होता है।

: Chandan

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