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दुबई में नर्क से भी बदतर जिंदगी जी रहे हैं भारतीय वर्कर्स, देखें खुद तस्वीरें

Updated 27 July, 2016 01:09:29 PM

आजकल भारतीय लोग विदेश में जाकर अपना करियर बनने के बारे में सोचते है। अलग अलग सपने सोजते हैं लेकिन सच्चाई कुछ और ही है।

मुंबई: आजकल भारतीय लोग विदेश में जाकर अपना करियर बनने के बारे में सोचते है। अलग अलग सपने सोजते हैं लेकिन सच्चाई कुछ और ही है। जानकारी के अनुसार दुबई में फंसे कई इंडियन वर्कर्स ने भारत सरकार से मदद मांगी है। इनके वर्क परमिट एक्सपायर हो चुके हैं और खर्च के पैसे खत्म हो चुके हैं। दुबई के जिस इलाके में ज्यादातर भारतीय और साउथ एशियन वर्कर रहते हैं, उसे 'सोनापुर' कहते हैं।  यहां 150,000 से ज्यादा वर्कर रहते हैं, जिनमें ज्यादा भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और चीन के हैं।

बताया जा रहै है कि मदद मांगने वालों में तमिलनाडु के 15 वर्कर्स हैं। इनका कहना है कि नवंबर 2015 से इन्हें तनख्वाह नहीं दी गई है। इनके कॉन्ट्रेक्ट, वीसा, लेबर कार्ड और रेसिडेंट आइडेंटिटी कार्ड एक्सपायर हो चुके हैं, लेकिन स्पॉन्सर इन्हें रिन्यू नहीं कर रहा है और बिना पेमेंट के काम करवा रहा है। बता दें कि काम के लिए दुबई जाने वाले साउथ एशियन वर्कर्स की हालत काफी खराब है। ये खराब हालात में रहते हैं और सुविधाओं के नाम पर इन्हें कुछ नहीं दिया जाता। ईरान के फोटोग्राफर फरहाद बेरामन ने इन वर्कर्स की लीविंग कंडीशन की फोटोज खींची थी। 

दुबई पहुंचते ही इनके पासपोर्ट ले लिए जाते हैं और एयरपोर्ट से सीधे सोनापुर भेज दिया जाता है। यहां 12 बाय 12 फीट के कमरे में छह से आठ लोग रहते हैं। वर्कर दिन में 14 घंटे तक काम करते हैं। बता दें कि यहां टेम्परेचर 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। 

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