main page

Dashmi Trailer: फिल्म बताती है कि बलात्कारियों का नहीं होता कोई मजहब

Updated 08 January, 2024 06:24:56 PM

बुराई पे अच्छाई को तो विजयी होना ही है, युग कोई भी हो, राम राज्य तो आना ही है". इन पंक्तियों को सार्थक करती है फ़िल्म 'दशमी' जिसका सशक्त ट्रेलर आज सोशल मीडिया पर जारी कर दिया गया है.

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। "बुराई पे अच्छाई को तो विजयी होना ही है, युग कोई भी हो, राम राज्य तो आना ही है". इन पंक्तियों को सार्थक करती है फ़िल्म 'दशमी' जिसका सशक्त ट्रेलर आज सोशल मीडिया पर जारी कर दिया गया है। फ़िल्म के ट्रेलर में एक सामज के तौर पर लोगों के नैतिक मू्ल्यों में आ रही गिरावट को रेखांकित किया गया है. यह पहली ऐसी फ़िल्म है जिसमें जाति और धर्म से परे जाकर समाज में बलात्कार के तेज़ी से बढ़ते मामलों पर रोक लगाने पर फ़ोकस किया गया है।

अपनी फ़िल्म 'दशमी' को लेकर बेहद उत्साहित नज़र आ रहे निर्देशक शांतनु ताम्बे कहते हैं, "आज भले ही हम सब एक आधुनिक काल में जी रहे हों मगर न्याय को लेकर लोगों की जद्दोजहद अब भी जारी है. ऐसे में 'दशमी' हमारे सामज में होने वाले शोषण व अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद करने और बुराई पर अच्छाई की जीत की ओर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास अनूठे ढंग से करती है."

इससे पहले जारी किये गये 'दशमी' के टीज़र में सामाजिक नैतिकता की जटिलताओं को रेखांकित किया गया था और उसमें मुश्क़िल हालात में अच्छाई और बुराई के बीच होने वाले संघर्ष को दर्शाया गया था. शांतनु ताम्बे के निर्देशन में बनी 'दशमी' एक ऐसी फ़िल्म है जो दर्शकों को अंत तक बांधे रखेगी. यह फ़िल्म लोगों को त्वरित ढंग से न्याय मुहैया कराने और एक बार फिर से राम राज्य स्थापना पर ज़ोर देती है.

'दशमी' की गिनती ऐसी फ़िल्मों में की जानी चाहिए जो आम लोगों को सोचने पर मजबूर कर देगी. यह फ़िल्म सामाजिक रीति-रिवाज़ों प्रहार व दकियानूसी सामाजिक परंपराओं पर भी सवाल खड़ा करती है और पुरज़ोर अंदाज़ में सामाजिक न्याय की बात करती है.

'दशमी' में वर्धन पुरी, गौरव सरीन, मोनिका चौधरी, ख़ुशी हज़ारे, आदिल खान, स्वाति सेमवाल जैसे कलाकारों ने अपने-अपने अभिनय से तमाम किरदारों को जीवंत बना दिया है. उल्लेखनीय है कि एक अलहदा किस्म के विषय पर बनी 'दशमी' 19 जनवरी, 2023 को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज़ की जाएगी जिसे बड़े पर्दे पर देखना दर्शकों के लिए एक अभूतपूर्व सिनेमाई अनुभव साबित होगा.

फ़िल्म‌ की टैगलाइन है, "आओ कलयुग की दशमी में कलयुगी रावण को मिलाकर जलाते हैं" जो कि काफ़ी सशक्त संदेश देने का काम करती है. इसके ज़रिए आज के समाज में व्याप्त बुराई पे अच्छाई की विजय को दर्शाने और अंधेरे को मिटाकर एक नई रौशनी फ़ैलाने का प्रयास किया गया है.

जैसे जैसे 'दशमी' की रिलीज़ को लेकर आम‌ दर्शकों की उत्सुकता बढ़ रही है, लोग ये जानने को लेकर बेताब हो रहे हैं कि‌ फ़िल्म में आधुनिक राम राज्य में बुराई पे अच्छाई की जीत को किस प्रकार से दर्शाया गया है. फ़िल्म में रोज़ाना रेप‌ के बढ़ते मामलों से जूझने और उसे नियंत्रित करने के तरीके को बड़े ही सशक्त अंदाज़ में पेश किया गया है.

Content Editor: Jyotsna Rawat

Dashmi Trailerrapists have no religion

loading...