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अब 'रामायण' के 'लक्ष्मण' ने आदिपुरुष पर निकाला गुस्सा, कहा-राम, सीता, लक्ष्मण को कार्टून की तरह पेश किया गया

Updated 20 June, 2023 01:20:06 PM

ओम राउत निर्देशित फिल्म 'आदिपुरुष' रिलीज के बाद लगातार चर्चा में बनी हुई है। जहां एक तरफ फिल्म बॉक्स ऑफिस  पर रिकॉर्ड तोड़ कमाई कर रही हैं, वहीं मूवी में हनुमान जी के एक डायलॉग और उनके लुक को लेकर लोगों में खासी नाराजगी है। इस बीच टीवी सीरियल 'रामायण' में लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहिरी ने भी फिल्म को लेकर नाराजगी जाहिर की है।

बॉलीवुड तड़का टीम. ओम राउत निर्देशित फिल्म 'आदिपुरुष' रिलीज के बाद लगातार चर्चा में बनी हुई है। जहां एक तरफ फिल्म बॉक्स ऑफिस  पर रिकॉर्ड तोड़ कमाई कर रही हैं, वहीं मूवी में हनुमान जी के एक डायलॉग और उनके लुक को लेकर लोगों में खासी नाराजगी है। इस बीच टीवी सीरियल 'रामायण' में लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहिरी ने भी फिल्म को लेकर नाराजगी जाहिर की है।


सुनील लहिरी ने हाल ही में एक मीडिया चैनल से बातचीत में कहा कि मैंने फिल्म देखी है, फिल्म देखने के बाद मैं काफी निराश हुआ हूं। मुझे समझ नहीं आया कि फिल्म क्यों बनाई, क्या सोचकर बनाई और किन दर्शकों को ध्यान में रखकर ये फिल्म बनाई है? इस फिल्म के जरिए अपने ही लोगों ने अपनी ही संस्कृति की बेइज्जती की है। 

 


एक्टर ने कहा कि फिल्म का प्रेजेंटेशन अच्छा है, वीएफ एक्स अच्छा है, संगीत अच्छा है, लेकिन फिल्म के किरदारों को जस्टिफाइड नहीं किया गया है और फिल्म देखकर लगता है कि राम, सीता, लक्ष्मण और रावण को कार्टून किरदारों की तरह पेश किया गया है। तमाम किरदारों के कैरेक्टराइजेशन के अलावा, सिचुएशन्स, लोकेशन्स या फिर सीन्स आपको कहीं भी टच नहीं करते हैं, जज्बाती तौर पर आपके दिल को नहीं छूते हैं।

 

सुनील ने कहा कि नए अंदाज में कहानी को पेश करना अच्छी बात है, लेकिन इस ढंग से छेड़छाड़ कर उसे पेश करना गलत है क्योंकि हमारे बुनियाद के साथ छेड़छाड़ की गई है।

'रामायण' के 'लक्ष्मण' ने कहा कि कहा इस बात का कहां पर जिक्र है कि रावण चमगादड़ के ऊपर बैठकर आता है या फिर मेघनाद को पानी के भीतर मारा जाता है? रावण को मारने के लिए इंद्र का रथ आया था, लेकिन 'आदिपुरुष' में राम हनुमान की पीठ पर बैठकर रावण का वध कर रहे हैं, जो कि हास्यास्पद है।

एक्टर ने कहा कि फिल्म देखते वक्त मेरे साथ फिल्म देख रहे दर्शकों का रिएक्शन काफी नकारात्मक था और कुछ लोग तो फिल्म बीच में ही छोड़कर चले गए थे। क्लाइमैक्स के दौरान मेरा धैर्य भी जवाब दे गया था क्योंकि फिल्म काफी लाऊड थी, फिल्म में इतने ज्यादा वीएफएक्स थे और फिर मैं भी फिल्म को और बर्दाश्त नहीं कर पाया और फिल्म के‌ क्लाइमेक्स के दौरान मैं भी वहां से बाहर निकल आया था।

एक्टर यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा- रामानंद सागर की रामायण में भाषा की मर्यादा का‌ पालन किया गया था, मगर 'आदिपुरुष' में भाषा के इस्तेमाल ने बहुत आहत किया है, फिल्ममेकर्स ने पता नहीं क्या बताने की कोशिश‌ की है और फिल्म में जो भी दिखाया गया है वो बहुत ही शर्मनाक है। फिल्म एक सीन में रावण बने सैफ अली खान वेल्डिंग करते हुए नजर आ रहे हैं और उनकी सोने की लंका को काला दिखाया गया है, जो कि बहुत ही शर्मनाक है।
 
संवादों को बदले जाने के फैसले पर सुनील लहिरी ने कहा कि मैं इस फैसले को सपोर्ट करता हूं लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि कपड़ा एक बार फट जाए और फिर उसपर कितने ही पैबंद क्यों ना लगा दिये जाएं, कपड़ा ओरिजनल नहीं हो सकता है। सुनील ने कहा कि ये अच्छी बात है कि मेकर्स को अब गलती का एहसास हुआ है और वो गलती सुधारने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मुझे समझ में नहीं आया कि उन्होंने पहले ही इस बारे में क्यों नहीं सोचा? मैंने कभी नहीं सोचा था कि मनोज मुंतशिर कभी इस तरह के डायलॉग लिखेंगे।

आखिरी में सुनील लहिरी ने कहा कि अगर मेकर्स का यह कहना है कि आदिपुरुष आज की पीढ़ी और आज के बच्चों के लिए बनाई गई है तो इसका मतलब ये है कि रामानंद सागर ने जो रामायण बनाई थी, तो वो बच्चों और उस जेनरेशन के लोगों को समझ नहीं आई थी? अगर ऐसा होता तो कोविड के दौरान रामायण व्यूवरशिप का रिकॉर्ड नहीं बनाती। युवाओं और बच्चों सभी ने रामायण को दोबारा से देखा और खूब पसंद किया।

Content Writer: suman prajapati

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