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कोल माइन रेस्क्यू ऑपेरशन के स्वर्गीय सरदार जसवन्त सिंह गिल "वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स" और "लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स" से सम्मानित

Updated 28 September, 2023 12:58:15 PM

दिवंगत जसवन्त सिंह गिल को "वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स" और "लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स" से भी सम्मानित किया गया था।

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। लेट सरदार जसवन्त सिंह गिल उन महान हीरोज में से एक थे जिन्होंने अपनी बहादुरी और हीरोइक एक्ट से भारत के लोगों के दिलों में अपना नाम हमेशा के लिए दर्ज कर लिया। उनकी उपलब्धियों के बारे में हम जितना कहें उतना कम है और हाल ही में पता चला है कि दिवंगत जसवन्त सिंह गिल को "वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स" और "लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स" से भी सम्मानित किया गया था।

 

जी हां, ये दो आइकोनिक अवॉर्ड्स दिवंगत सरदार जसवंत सिंह गिल को दिए गए, क्योंकि उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े कोल माइन मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया था, जिसमें केवल 48 घंटों में 65 कोयला खनिकों को बचाया था। यह वास्तव में पूरे देश के लिए बहुत गर्व का पल है। इन पुरस्कारों के अलावा, ईस्टर्न कोलफील्ड्स ने 16 नवंबर को रेस्क्यू डे के रूप में नामित करके दिवंगत सरदार जसवन्त सिंह गिल के जीवन को एक बड़ा ट्रिब्यूट दिया, एक ऐसा दिन जब हम इन गुमनाम हीरो को याद करते हैं जिसकी कहानी उतनी ही अविश्वसनीय है जितनी वह है। यह वास्तव में हमारे देश के एक हीरो को श्रद्धांजलि देने के लिए भारत के प्रमुख कोल प्रोड्यूसर की ओर से एक बहुत ही उल्लेखनीय पहल है जो देश के लिए गर्व और प्रेरणा का सोर्स है। 1990 के दशक से पहले के लोग सामाजिक संसाधनों की कमी और सोशल मीडिया की अनुपलब्धता के कारण उनके द्वारा की गई उपलब्धियों से अवगत नहीं थे।


बता दें, अमृतसर के सथियाला के रहने वाले, जसवंत सिंह गिल का जन्म 22 नवंबर, 1937 को हुआ था और वह एक कोल माइनिंग ऑफिसर थे, जिन्होंने 1989 में पश्चिम बंगाल के रानीगंज में कोयला खदान ढहने के दौरान अकेले ही 65 खनिकों की जान बचाई थी। यह सबसे सफल कोल माइन रेस्क्यू साबित हुआ।

इसके अलावा, जसवन्त सिंह गिल को 65 कोल वर्कर्स को बचाने की उनकी उपलब्धि के संबंध में दो मानद सम्मान हासिल हुए हैं। ऑल इंडिया ह्यूमन राइट्स काउंसिल ने उन्हें 2022 के लिए 'लीजेंड ऑफ बंगाल' पुरस्कार दिया है, और देश में युवाओं को प्रोत्साहित करने वाले एक बिजनेस प्लेटफॉर्म पर आरएन टॉक्स एलएलपी ने उन्हें 2023 के लिए 'विवेकानंद करमवीरा' पुरस्कार दिया है। उन्होंने 1991 में भारत के माननीय राष्ट्रपति से भारत का सर्वोच्च वीरता पुरस्कार, 'सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक' भी जीता।

Content Editor: kahkasha

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