main page

B'day special: अभिनेत्री नहीं डॉक्टर बनना चाहती थी पूनम ढिल्लो

Updated 18 April, 2016 09:36:24 AM

बॉलीवुड में पूनम ढिल्लों ने अपनी दिलकश अदाओं से लगभग तीन दशक तक दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया लेकिन कम लोगों को पता है

मुबई: बॉलीवुड में पूनम ढिल्लों ने अपनी दिलकश अदाओं से लगभग तीन दशक तक दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया लेकिन कम लोगों को पता है कि वह डाक्टर बनना चाहती थी। पूनम ढिल्लो का जन्म 18 अप्रैल 1962 को कानपुर में हुआ था। उनके पिता अमरीक सिंह भारतीय वायु सेना में विमान अभियंता थे। पूनम ढिल्लो ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा चंडीगढ़ कार्मेल कान्वेंट हाई स्कूल से पूरी की वर्ष 1977 में पूनम ढिल्लो को अखिल भारतीय सौन्दर्य प्रतियोगिता में हिस्सा लेने का अवसर मिला जिसमें वह पहले स्थान पर रही। 

आप को बता दें कि इस बीच पूनम ढिल्लों के सौन्दर्य से प्रभावित होकर निर्माता-निर्देशक यश चोपड़ा ने अपनी फिल्म 'त्रिशूल' में उनसे काम करने की पेशकश की लेकिन पहले तो उन्होंने इस पेशकश को अस्वीकार कर दिया लेकिन बाद में पंजाब यूनिवर्सिटी में कार्यरत उनके पारिवारिक मित्र गार्गी ने उन्हें समझाया कि फिल्मों में काम करना कोई बुरी बात नही है ।इसके बाद पूनम ढिल्लो के परिजनों ने उन्हें इस शर्त पर फिल्मों में काम करने की इजाजत दी कि वह स्कूल की छुट्टियों के दौरान ही फिल्मों में अभिनय करेंगी। 'त्रिशूल' में पूनम ढिल्लो को संजीव कुमार शशि कपूर और अमिताभ बच्चन जैसे नामचीन सितारों के साथ काम करने का अवसर मिला इस फिल्म में उन्होंने संजीव कुमार की पुत्री की भूमिका निभाई जो अभिनेता सचिन से प्रेम करती है ।फिल्म में उनपर फिल्माया गीत 'गप्पूजी गप्पूजी गम गम' का उन दिनों युवाओं के बीच क्रेज बन गया था।

'त्रिशूल' टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुई। इसके बाद कई फिल्मकारों ने पूनम ढिल्लों से फिल्म में काम करने की पेशकश की लेकिन उन्होंने उन सारे प्रस्तावों को ठुकरा दिया क्योंकि वह अभिनेत्री नही बनना चाहती थी ।इस बीच उन्होंने मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेना चाहा लेकिन उनके बड़े भाई ने उन्हें हतोत्साहित कर दिया ।इसके बाद पूनम ढिल्लो की तमन्ना भारतीय विदेश सेवा में काम करने की हो गई और वह परीक्षा की तैयारी में जुट गई। 

वर्ष 1979 में यश चोपड़ा के ही बैनर तले बनी फिल्म 'नूरी' में पूनम ढिल्लो को काम करने का अवसर मिला। बेहतरीन गीत-संगीत और अभिनय से सजी इस फिल्म की कामयाबी ने न सिर्फ उन्हें बल्कि अभिनेता फारूख शेख को भी स्टार के रूप में स्थापित कर दिया। फिल्म में लता मंगेशकर की आवाज में 'आजा रे आजा रे मेरे दिलबर आजा' गीत आज भी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देता है।   

'नूरी' की सफलता के बाद पूनम ढिल्लो ने निश्चय किया कि वह फिल्म इंडस्ट्री में अभिनेत्री के रूप में अपनी पहचान बनाएंगी ।इसके बाद उन्हें राजेश खन्ना के साथ 'रेड रोज' जितेन्द्र के साथ 'निशाना' और राजकपूर के बैनर तले बनी फिल्म'बीबी और बीबी' में काम करने का अवसर मिला लेकिन दुर्भाग्य से सभी फिल्में टिकट खिड़की पर असफल साबित हुई। इन फिल्मों की असफलता से पूनम ढिल्लो को अपना कैरियर डूबता नजर आया लेकिन उन्होंने हिम्मत नही हारी और अपना संघर्ष जारी रखा। इस बीच उन्हें राजेश खन्ना के साथ फिल्म 'दर्द' और कुमार गौरव के साथ फिल्म 'तेरी कसम' में काम करने का अवसर मिला। इन फिल्मों की सफलता के बाद पूनम ढिल्लों अभिनेत्री के रूप में स्थापित हो गई ।

पूनम ढिल्लों वर्ष 1988 में पूनम ढिल्लों ने निर्माता अशोक ठकारिया के साथ शादी कर ली ।अशोक ठकारिया ने 'दिल', 'बेटा', 'राजा', 'मस्ती' और 'मन' जैसी कई कामयाब फिल्मों का निर्माण किया है। इसके बाद पूनम ढिल्लों ने फिल्मों में काम करना काफी कम कर दिया। वर्ष 1992 में प्रदर्शित फिल्म विरोधी के बाद उन्होंने लगभग पांच वर्ष तक फिल्म इंडस्ट्री से किनारा कर लिया। वर्ष 1997 में प्रदर्शित फिल्म 'जुदाई' से उन्होंने अपने कैरियर की दूसरी पारी शुरू की। वर्ष 1995 में पूनम ढिल्लो ने दर्शको की पसंद को देखते हुए छोटे पर्दे का भी रूख किया और अंदाज और किटी पार्टी जैसे धारावाहिकों में काम करके दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

आप को बता दें कि इन सबके साथ ही बिगबॉस के तीसरे सीजन में उन्होंने हिस्सा लिया जिसमें वह तीसरे स्थान पर चुनी गई। फिल्मों में कई भूमिकाएं निभाने के बाद पूनम ढिल्लों सामाजिक कार्यो में दिलचस्पी लेने लगी ।उन्होंने शराब विमुक्ति, एड्स और परिवार नियोजन जैसे कई सामाजिक कार्यो में बढ़ -चढ़ कर हिस्सा लेकर समाज को जागरूक करने का प्रयास किया है। इस बीच पूनम ढिल्लों ने अपनी मेकअप वैन कंपनी वैनिटी की स्थापना की जो फिल्म इंडस्ट्री में कलाकारों को उनके मेकअप की सभी सुविधाएं उपलध कराती है । पूनम ढिल्लों ने लगभग 70 फिल्मों में काम किया है ।

:

doctorPoonam DhillonChandigarhCarmel Convent High School

loading...