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जगजीत सिंह B'day Spcl: तुमको देखा तो ये ख्याल आया...

Updated 08 February, 2017 07:25:11 PM

‘गज़ल सम्राट जगजीत सिंह की मखमली आवाज़ में ये गज़ल रूह तक उतर जाती है। ‘तुमको देखा तो ...

मुंबई: ‘गज़ल सम्राट जगजीत सिंह की मखमली आवाज़ में ये गज़ल रूह तक उतर जाती है। ‘तुमको देखा तो ये ख्याल आया, ज़िंदगी धूप तुम घना साया। तुम चले जाओगे तो सोचेंगे, हमने क्या खोया हमने क्या पाया। उनकी जादुई आवाज़ से श्रोताओं का एक अजीब रिश्ता जुड़ जाता है। ऐसे लाखों रिश्तों के शाह जगजीत सिंह का आज जन्मदिन है। जन्मदिन पर वो भले ही इस दुनिया में हमारे साथ नहीं हैं लेकिन उनकी गज़लों और नज़्मों की सौगात और यादों की भीनी खुशबू हमेशा हमारे साथ रहेगी। 

बता दें जगजीत सिंह का जन्म आठ फरवरी, 1941 को राजस्थान के श्रीगंगानगर में हुआ था। जगजीत सिंह को संगीत पिता से विरासत में मिला। वह 1965 में मुंबई आ गए। 1967 में उनकी मुलाकात गजल गायिका चित्रा से हुई। इसके दो साल बाद 1969 में दोनों विवाह बंधन में बंध गए। जगजीत-चित्रा ने साथ में कई गजलें गाईं। दोनों संगीत कार्यक्रमों में अपनी जुगलबंदी से समां बांध देते। उन्हें बेटा विवेक था, जिसकी वर्ष 1990 में एक कार हादसे में मौत हो गई। उस समय उसकी उम्र 18 साल थी। इकलौते बेटे की असमय मौत ने चित्रा को पूरी तरह तोड़ दिया और उन्होंने गायकी से दूरी बना ली।

उन्होंने गजलों को जब फिल्मी गानों की तरह गाना शुरू किया, तो आम आदमी ने गजल में दिलचस्पी दिखानी शुरू की। उन्होंने ‘झुकी झुकी सी नजर बेकरार है कि नहीं’, ‘तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो’, ‘तुमको देखा तो ये ख्याल आया’, ‘प्यार का पहला खत लिखने में वक्त तो लगता है’, ‘होश वालों को खबर क्या’, ‘कोई फरियाद’, ‘होठों से छू लो तुम’, ‘ये दौलत भी ले लो’, ‘चिठ्ठी न कोई संदेश’ जैसी फिल्मी गजलें पेश कीं।

वहीं गैरफिल्मी फेहरिस्त में ‘कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तेरा’, ‘सरकती जाए है रुख से नकाब आहिस्ता-आहिस्ता’, ‘वो कागज की कश्ती वो बारिश का पानी’ जैसी मशहूर गजलें शुमार हैं। जगजीत सिंह ने 150 से ज्यादा एलबम बनाईं। फिल्मों में गाने भी गाए, लेकिन गजल व नज्म के लिए उन्हें विशेष रूप से लोकप्रियता प्राप्त है।

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