सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि फिल्म स्क्रीनिंग से पहले नेशनल एंथम बजाना अनिवार्य नहीं है। ये बात सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को डिक्लेअर की। फिल्ममेकर मुकेश भट्ट ने इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, "हम फैसले का सम्मान करते हैं। क्योंकि राष्ट्रगान की पवित्रता बनाए रखना बेहद जरूरी है। इसे सिर्फ स्कूल या एजुकेशनल इंस्टिट्यूशंस में ही बजाया जाना चाहिए, एंटरटेनमेंट पार्लर्स में नहीं। क्योंकि वहां इसका अपमान होता है।"
10 Jan, 2018 11:37 AMमुंबई: सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि फिल्म स्क्रीनिंग से पहले नेशनल एंथम बजाना अनिवार्य नहीं है। ये बात सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को डिक्लेअर की। फिल्ममेकर मुकेश भट्ट ने इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, "हम फैसले का सम्मान करते हैं। क्योंकि राष्ट्रगान की पवित्रता बनाए रखना बेहद जरूरी है। इसे सिर्फ स्कूल या एजुकेशनल इंस्टिट्यूशंस में ही बजाया जाना चाहिए, एंटरटेनमेंट पार्लर्स में नहीं। क्योंकि वहां इसका अपमान होता है।"
मुकेश भट्ट ने इस दौरान बातों-बातों में सनी लियोन को निशाने पर ले लिया। उन्होंने कहा, "अगर आप सनी लियोन की फिल्म देखने जा रहे हैं तो कैसे ऑडिटोरियम में नेशनल एंथम बजाया जा सकता है। कोई अन्य फिल्म भी हो सकती है। एंटरटेनमेंट की जगह पर नेशनल एंथम की गरिमा के साथ समझौता हो गया था। मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करता हूं। क्योंकि इस फैसले से नेशनल एंथम को बहुत सम्मान मिलेगा।"