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कुत्ते भौंकते हैं, तो गाड़ी नहीं रोकनी चाहिएः लक्की अली

Updated 22 October, 2017 12:38:55 AM

ओ सनम...आ भी जा...एक पल का जीना...सफरनामा जैसे कई मखमली गानों को अपनी आवाज...

मुंबईः ओ सनम...आ भी जा...एक पल का जीना...सफरनामा जैसे कई मखमली गानों को अपनी आवाज देने वाले सिंगर लकी अली पिछले काफी लंबे समय से लाइम लाइट से गायब हैं। लेकिन हाल ही में वे सुर्खियों मे आ गए हैं।

 

दरअसल बालीवुड गायक लक्की अली का कहना है कि कुत्ते दौड़ते हैं तो गाड़ी नहीं रोकनी चाहिए। अली ने जम्मू-कश्मीर के बाहर कश्मीर की नकारात्मक छवि पेश किए जाने पर पूछने पर यह टिप्पणी दी। उन्होंने कहा कि उनके पिता ने कहा था कि गाड़ी चलाते वक्त कुत्ते पीछा करते हैं, भौंकते हैं, लेकिन उससे घबराकर गाड़ी नहीं रोकनी चाहिए।

इसी तरह कश्मीर की गलत छवि पेश किए जाने से घबराना नहीं चाहिए। घाटी में ऐसे महोत्सवों को बढ़ावा देकर युवाओं की भागीदारी को बढ़ाया जाए। लक्की अली ने शनिवार को एसकेआईसीसी श्रीनगर में हुए यूथ मेला में अपनी आवाज से समां बांधा। 

 

90वें के दशक में आ भी जा, ए सुबह और जाने क्या ढूंढता है यह मेरा दिल जैसे यादगार गीत गाने वाले लक्की अली ऐसे दूसरे बालीबुड गायक हैं जिन्होंने हाल ही में कश्मीर में ओपन एयर में प्रस्तुति दी है। उन्होंने एक के बाद एक हिट गाना गाकर युवाओं का दिल जीता।

 

उन्होंने अपने करियर में कई हिट सॉन्ग दिए है। लकी अली के पिता एक फिल्म मेकर और जाने-माने कॉमेडियन मकसूद अली थे। 2015 में आई फिल्म तमाशा में लकी अली का गाना ने 'सफरनामा' को अपनी आवाज दी है। गाना का सुरूर तो लोगों की जुबां पर चढ़ गया लेकिन ये किसी को नहीं पता था कि ये गाया किसने है।


 

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