बॉलीवुड में मुमताज को एक ऐसी अभिनेत्री के तौर पर याद किया जाता है जिन्होंने साठ एवं सत्तर के दशक में अपनी रूमानी अंदाज और भावपूर्ण अभिनय से सिने प्रेमियों को दीवाना बनाया।
31 Jul, 2015 10:10 AMमुंबई: बॉलीवुड में मुमताज को एक ऐसी अभिनेत्री के तौर पर याद किया जाता है जिन्होंने साठ एवं सत्तर के दशक में अपनी रूमानी अंदाज और भावपूर्ण अभिनय से सिने प्रेमियों को दीवाना बनाया। मुमताज का जन्म 31 जुलाई 1947 को मुंबई में हुआ। बचपन से ही उनका रूझान फिल्मों की ओर था और वह अभिनेत्री बनने का सपना देखा करती थी। महज 12 वर्ष की उम्र में उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में अपना कदम रख दिया। साठ के दशक में मुमताज ने कई स्टंट फिल्मों में काम किया जिनमें उनके नायक की भूमिका दारासिंह ने निभाई।
दारा सिंह के साथ मुमताज ने जिन फिल्मों में काम किया उनमें हरकुलेस, फौलाद,वीर भीम सेन, सैमसन, टार्जन कम टू दिल्ली,आंधी और तूफान, सिकन्दरे आजम, टार्जन एंड किंगकांग, राका, बाक्सर, जवान मर्द, डाकू मंगल सिंह और खाकान शामिल है। इनमें से कई फिल्में टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुयी लेकिन कामयाबी का श्रेय दारासिंह को दिया गया।
शुरुआती दौर में जब किस्मत ने साथ नहीं दिया तो वह लो बजट की फिल्मों के अलावा बी ग्रेड की फिल्मों में भी नजर आई थीं। वर्ष 1965 में मुमताज के सिने करियर की अहम फिल्म 'मेरे सनम' प्रदर्शित हुई, जिसे काफी सराहाना मिली। इसमें मुमताज खलनायिका की भूमिका में नजर आई। इस फिल्म में आशा भोंसले की आवाज में ओ.पी .नैय्यर के संगीत निर्देशन में उन पर फिल्माया गीत 'ये है रेश्मी जुल्फों का अंधेरा ना घबराइये' उन दिनों श्रोताओं के बीच काफी लोकप्रिय हुआ। बी ग्रेड की हिरोइन और एक्स्ट्रा रोल निभाने वाली अभिनेत्री के रूप में विख्यात मुमताज को फिर ए ग्रेड की फिल्में मिलने लगी थीं।