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राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित निर्देशक भास्कर हजारिका ने बताई 'बॉलीवुड की सच्चाई'

Updated 26 October, 2019 01:06:25 AM

2015 में हॉरर फिल्म ‘‘कोथानोदी'''' के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित भास्कर हजारिका ‘‘आमिस'''' की वजह से चर्चा में हैं। इसके अलावा उन्होंने अब्बास मस्तान की थ्रिलर ‘‘प्लेयर्स'''' भी लिखी है। हाल ही में उन्होंने एक बयान दिया है। उन्होंने कहा कभी वह बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने के लिए जूझ रहे थे लेकिन उन्होंने महसूस किया कि मूल और साहसी विचारों को अहमियत नहीं दी जाती...

मुंबईः 2015 में हॉरर फिल्म ‘‘कोथानोदी'' के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित भास्कर हजारिका ‘‘आमिस'' की वजह से चर्चा में हैं। इसके अलावा उन्होंने अब्बास मस्तान की थ्रिलर ‘‘प्लेयर्स'' भी लिखी है। हाल ही में उन्होंने एक बयान दिया है। उन्होंने कहा कभी वह बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने के लिए जूझ रहे थे लेकिन उन्होंने महसूस किया कि मूल और साहसी विचारों को अहमियत नहीं दी जाती।
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राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित निर्देशक भास्कर हजारिका मानते हैं कि बॉलीवुड में लेखकों को वह सम्मान नहीं मिलता जिसके वह हकदार हैं। उन्होंने कहा कि बॉलीवुड में उन्हें कदम रखे ज्यादा समय नहीं हुआ है लेकिन इस दौरान उन्होंने कभी न भूलने वाला जो सबक सीखा है वह यह है कि देश के सबसे बड़े फिल्म उद्योग में लेखकों के लिए सम्मान नहीं है।

भास्कर ने कहा ‘‘बॉलीवुड में लेखकों के लिए कोई सम्मान नहीं है। मैं नाराजगी या गुस्से में ऐसा नहीं कह रहा हूं। यह सच्चाई है। लेखन को महत्व ही नहीं दिया जाता। लेखन को तो लोग शौक मानते हैं।''
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उन्होंने कहा कि दिलचस्प सामग्री तब ही सामने आएगी जब लेखक को पूरी छूट मिलेगी। ‘‘अन्यथा आप एक ही बात को अलग अलग तरह से कहते रहेंगे। यह बात शुरू से ही मुझे खटकती रही है।''

: Pawan Insha

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