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MOVIE REVIEW: 'मंटो'

Updated 21 September, 2018 01:42:13 PM

बॉलीवुड एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी की फिल्म ''मंटो'' आज रिलीज हो गई है। ये फिल्म मंटो के जीवन के ऊपर अाधारित है। इस फिल्म की निर्देशक नंदिता दास है। फिल्म की कहानी 1946 के बॉम्बे (अब मुंबई) से शुरू होती है जहां उर्दू शायर और राइटर सआदत हसन मंटो (नवाजुद्दीन सिद्दीकी) अपनी पत्नी सफिया (रसिका दुग्गल

मुंबई: बॉलीवुड एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी की फिल्म 'मंटो' आज रिलीज हो गई है। ये फिल्म सआदत हसन मंटो के जीवन के ऊपर अाधारित है। इस फिल्म की निर्देशक नंदिता दास है। फिल्म की कहानी 1946 के बॉम्बे (अब मुंबई) से शुरू होती है जहां उर्दू शायर और राइटर सआदत हसन मंटो (नवाजुद्दीन सिद्दीकी) अपनी पत्नी सफिया (रसिका दुग्गल) और बेटी निधि के साथ रहता है, मंटो का ख्याल हमेशा से ही सबसे जुदा है, जिसकी वजह से कभी उसकी फिल्म के प्रोड्यूसर (ऋषि कपूर) से जिरह हो जाती है तो कभी फिल्म इंडस्ट्री के दोस्तों के साथ अनबन हो जाया करती है।

 

इतना ही नहीं राइटर ग्रुप के दोस्तों जैसे इस्मत चुगताई (राजश्री देशपांडे) से भी इनका अंदाज जुदा रहता है, इस्मत और मंटो के ऊपर लेखन के माध्यम से लाहौर में अश्लीलता फैलाने का केस चल रहा होता है, उसी दौरान भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हो जाता है, जिसकी वजह से बॉम्बे को बेइंतेहा प्यार करने वाले मंटो को अपने दोस्त और सुपरस्टार श्याम (ताहिर राज भसीन) से बिछड़ करके पाकिस्तान जाना पड़ता है। पाकिस्तान में मंटो को अपने लिखे गए ठंडा गोश्त कहानी के लिए केस झेलना पड़ता है और अंततः कहानी में कुछ ट्विस्ट आते हैं जिन्हे जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।

 

Bollywood Tadka


फिल्म की कहानी और उसे दर्शाने का ढंग बेहद दिलचस्प है, 40 के दशक को नंदिता दास ने उस समय प्रयोग में आने वाले उपकरणों और वेशभूषा के साथ साथ छोटी-छोटी बातों का भी ध्यान रखते हुए दिखाया है। नंदिता ने मंटो के जीवन के सिर्फ चार सालों को लगभग 2 घंटे की इस फिल्म में दर्शाया है, जिसमें मंटो की सोच और रहन-सहन के ढंग को बखूबी देखा जा सकता है।

 

जो लोग मंटो के बारे में जानते हैं, उन्हें यह फिल्म बहुत अच्छी लगेगी, हालांकि जिन्हें उनके बारे में नहीं पता है, उनके लिए भी यह फिल्म एक सही बायोपिक के रूप में परोसी गई है, जहां कुछ भी अधिकता में नहीं पेश किया गया है। अभिनय के लिहाज से नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने मंटो का किरदार बेहतरीन ढंग से निभाया है और उन्हें देखकर लगता है की आखिरकार मंटो का मिजाज कैसा रहा होगा।

 

वहीँ रसिका दुग्गल ने मंटो की पत्नी के रूप में बहुत बढ़िया काम किया है, इसके अलावा ताहिर राज भसीन ने सहज अभिनय किया है। फिल्म में मंटो की कहानियों को किरदारों के माध्यम से भी दिखाया गया है जिसमें दिव्या दत्ता, रणवीर शोरी, ऋषि कपूर, जावेद अख्तर, नीरज कबि जैसे अभिनेता दिखाई देते हैं। फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर बढ़िया है और जिन लोगों को सआदत अली मंटो की रचनाएं पसंद है, या जो उनकी जिंदगी के बारे में जानना चाहते हैं, उन्हें ये फिल्म जरूर देखनी चाहिए।

: Konika

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