main page

B'day Special: बॉलीवुड के सुपरहिट अभिनेता राजकुमार के बारे में जानें उनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें

Updated 08 October, 2018 09:21:14 AM

हिन्दी सिनेमा जगत में यूं तो अपने दमदार अभिनय से कई सितारो ने दर्शकों के दिलों पर राज किया लेकिन एक ऐसा भी सितारा हुआ जिसने न सिर्फ दर्शकों के दिल पर राज किया बल्कि फिल्म इंडस्ट्री ने भी उन्हें राजकुमार माना वह ...

मुंबईः हिन्दी सिनेमा जगत में यूं तो अपने दमदार अभिनय से कई सितारो ने दर्शकों के दिलों पर राज किया लेकिन एक ऐसा भी सितारा हुआ जिसने न सिर्फ दर्शकों के दिल पर राज किया बल्कि फिल्म इंडस्ट्री ने भी उन्हें राजकुमार माना वह थे संवाद अदायगी के बेताज बादशाह कुलभूषण पंडित उर्फ राजकुमार।  
Bollywood Tadka
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में 08 अक्टूबर 1926 को जन्में राजकुमार स्नातक की पढाई पूरी करने के बाद वह मुंबई के माहिम पुलिस स्टेशन में सब इंस्पेक्टर के रूप में काम करने लगे। एक दिन रात्रि गश्त के दौरान एक सिपाही ने राजकुमार से कहा हजूर आप रंग-ढंग और कद काठी में किसी हीरो से कम नहीं है। फिल्मों में यदि आप हीरो बन जाएं तो लाखो दिलो में राज कर सकते हैं। राजकुमार को सिपाही की यह बात जंच गई। राजकुमार मुंबई के जिस थाने मे कार्यरत थे, वहां अक्सर फिल्म उद्योग से जुड़े लोगो का आना जाना लगा रहता था। 
Bollywood Tadka
एक बार पुलिस स्टेशन में फिल्म निर्माता बलदेव दुबे कुछ जरूरी काम के लिए आए हुए थे। वह राजकुमार के बातचीत करने के अंदाज से काफी प्रभावित हुए और उन्होंने राजकुमार से अपनी फिल्म 'शाही बाजार' में अभिनेता के रूप में काम करने की पेशकश की। राजकुमार सिपाही की बात सुनकर पहले ही अभिनेता बनने का मन बना चुके थे। इसलिए उन्होंने तुरंत ही अपनी सब इंस्पेक्टर की नौकरी से इस्तीफा दे दिया और निर्माता की पेशकश स्वीकार कर ली। शाही बाजार को बनने में काफी समय लग गया और राजकुमार को अपना जीवन यापन करना भी मुश्किल हो गया। इसलिए उन्होंने वर्ष 1952 मे प्रदर्शित फिल्म 'रंगीली' में एक छोटी सी भूमिका स्वीकार कर ली। 

यह फिल्म सिनेमा घरो में कब लगी और कब चली गयी, यह पता ही नहीं चला। इस बीच उनकी फिल्म शाही बाजार भी रिलीज हुई। जो बाक्स आफिस पर औंधे मुंह गिरी। शाही बाजार की असफलता के बाद राजकुमार के तमाम रिश्तेदार यह कहने लगे कि तुम्हारा चेहरा 'फिल्म के लिए उपयुक्त नहीं है। वहीं कुछ लोग कहने लगे कि तुम खलनायक बन सकते हो। वर्ष 1952 से 1957 तक राजकुमार फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष करते रहे। 
Bollywood Tadka
इसके बाद उन्हें जो भी भूमिका मिली राजकुमार उसे स्वीकार करते चले गए। इस बीच उन्होंने अनमोल सहारा 'अवसर', घमंड', नीलमणि, और कृष्ण सुदामा जैसी कई फिल्मों में अभिनय किया लेकिन इनमें से कोई भी फिल्म बॉक्स आफिस पर सफल नहीं हुई। महबूब खान की वर्ष 1957 मे प्रदर्शित फिल्म 'मदर इंडिया' में राजकुमार गांव के एक किसान की छोटी सी भूमिका में दिखाई दिए। हालांकि यह फिल्म पूरी तरह अभिनेत्री नर्गिस पर केन्द्रित थी। फिर भी वह अपने अभिनय की छाप छोडने में कामयाब रहे। इस फिल्म में उनके दमदार अभिनय के लिए उन्हें अंतर्राष्ट्रीय याति भी मिली और फिल्म की सफलता के बाद वह अभिनेता के रूप में फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित हो गए। वर्ष 1959 मे प्रदर्शित फिल्म 'पैगाम' में उनके सामने हिन्दी फिल्म जगत के अभिनय सम्राट दिलीप कुमार थे लेकिन राज कुमार ने यहां भी अपनी सशक्त भूमिका के जरिये दर्शकों की वाहवाही लूटने में सफल रहे। इसके बाद दिल अपना और प्रीत पराई, घराना, गोदान, दिल एक मंदिर और दूज का चांद जैसी फिल्मों मे मिली कामयाबी के जरिए वह दर्शको के बीच अपने अभिनय की धाक जमाते हुए ऐसी स्थिति में पहुंच गये जहां वह अपनी भूमिकाएं स्वयं चुन सकते थे।  

वर्ष 1965 में प्रदर्शित फिल्म काजल की जबर्दस्त कामयाबी के बाद राजकुमार ने अभिनेता के रूप में अपनी अलग पहचान बना ली। बी.आर .चोपड़ा की 1965 में प्रदर्शित फिल्म 'वक्त' में अपने लाजवाब अभिनय से वह एक बार फिर से दर्शक का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहे। वक्त की कामयाबी से राजकुमार शोहरत की बुंलदियों पर जा पहुंचे। इसके बाद उन्होंने हमराज, नीलकमल, मेरे हुजूर, हीर रांझा और पाकीजा में रूमानी भूमिकाए भी स्वीकार कीं। राजकुमार अपने सशक्त अभिनय से दर्शकों की वाहवाही लूटने में सफल रहे। 

: Pawan Insha

rajkumarbirthday specialbirthdaybollywood

loading...