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आलिया भट्ट के सपोर्ट में आए श्री श्री रविशंकर,बोले- कन्या कोई दान करने की चीज नहीं, इस प्रथा को समाप्त किया जाए

Updated 22 September, 2021 12:51:58 PM

सोशल मीडिया पर इन दिनों आलिया भट्ट के कन्यादान कन्यामान वाले  विज्ञापन ने बवाल मचा रखा है। इस एड में आलिया ने कन्यादान पर कई सवाल उठाए। उनका कहना था कि कन्या क्या दान करने वाली चीज हैं। आलिया के इस सवाल के बाद सोशल मीडिया पर काफी बवाल मचा। लोगों का कहना है कि हर बार हिंदू रीति रिवाज को लेकर ही आवाज उठाई जाती है। अब इस पर  आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक और भारतीय धार्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर  ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। आलिया भट्ट का सपोर्ट करते हुए श्री श्री रविशंकर ने कहा कि कन्या कोई वस्तु नहीं ह

मुंबई: सोशल मीडिया पर इन दिनों आलिया भट्ट के कन्यादान कन्यामान वाले  विज्ञापन ने बवाल मचा रखा है। इस एड में आलिया ने कन्यादान पर कई सवाल उठाए। उनका कहना था कि कन्या क्या दान करने वाली चीज हैं। आलिया के इस सवाल के बाद सोशल मीडिया पर काफी बवाल मचा। लोगों का कहना है कि हर बार हिंदू रीति रिवाज को लेकर ही आवाज उठाई जाती है। अब इस पर  आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक और भारतीय धार्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर  ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। आलिया भट्ट का सपोर्ट करते हुए श्री श्री रविशंकर ने कहा कि कन्या कोई वस्तु नहीं है, जिसका दान किया जाए।

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इसके साथ ही  उन्होंने वैदिक परंपराओं को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने यह भी कहा  'कन्यादान' की प्रथा को समाप्त किया जाना चाहिए।उन्होंने ‘पाणिग्रह’ की प्राचीन वैदिक परंपरा का भी जिक्र किया। एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में श्री श्री रविशंकर ने कहा-'विशेष रूप से श्रुतियों में कन्यादान जैसी चीज का कहीं भी जिक्र नहीं है। स्मृतियों में बाद में यह चीज रखी गई पाणिग्रह जिसमें हाथ पकड़ा जाता है।  

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पणिग्रह वैदिक संस्कृत शब्द है। इसमें हाथ में हाथ पकड़े रहना होता है, फिर वह चाहे पति, पत्नी का पकड़े या पत्नी पति का. हमारी वैदिक सांस्कृतिक व्यवस्था में लैंगिक समानता बहुत अधिक है। युगों-युगों से जो हुआ वह यह कि उसमें कई बदलाव आ गए और फिर कन्यादान को उसका अंग बना दिया गया। कन्या, दान के रूप में दी जाने वाली वस्तु नहीं है।'

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उन्होंने आगे कहा-'मैं इसे हमेशा पाणिग्रह कहना पसंद करूंगा, जहां पिता कहते हैं 'तुम मेरी बेटी को संभालो।' यह इसका सही अर्थ है लेकिन इसे मध्य युग में कहीं न कहीं 'दान' के रूप में खराब कर दिया गया। मैं कहूंगा कि कन्यादान को हटा दिया जाना चाहिए। जब आप इसे हटा देंगे तो यह किसी भी तरह से हमारी वैदिक स्थिति या सिद्धांत या दर्शन को कम नहीं करेगा।'

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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बता दें कि हाल ही में आलिया भट्ट का एक विज्ञापन जारी हुआ था जिसमें वह कपड़ों के ब्रैंड मान्यवर मोहे के ब्राइडल कलेक्शन को प्रमोट करते हुए एक सोशल मैसेज देती नजर आईं। यह सोशल मैसेज था कि लड़कियों का कन्यादान नहीं, बल्कि उनका मान-सम्मान होना चाहिए।

Content Writer: Smita Sharma

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