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Bday Special: लोगों के जहन में आज भी जिंदा है देवानंद!

Updated 26 September, 2016 10:29:08 AM

अभिनेता देव आनंद को उनके खास अंदाज के लिए जाना जाता है, या कहें कि यही अंदाज उन्हें देव आनंद बनाता है।

नई दिल्ली: अभिनेता देव आनंद को उनके खास अंदाज के लिए जाना जाता है, या कहें कि यही अंदाज उन्हें देव आनंद बनाता है। उन्होंने हमेशा जिंदगी को आनंद के रूप में लिया। उनके भीतर की जिंदादिली ने उन्हें कभी बूढ़ा नहीं होने दिया। उनका अंदाज उनके हजारों-लाखों चाहने वालों के भीतर आज भी जवान है।

देव आनंद का जन्म 26 सितंबर, 1923 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के उस हिस्से में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। देव आनंद का असली नाम धर्मदेव पिशोरीमल आनंद था। उनके पिता पिशोरीमल आनंद पेशे से वकील थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा गुरदासपुर के घोरता गांव में हुई। उन्होंने डलहौजी में सेक्रेड हार्ट स्कूल से मैट्रिक तक की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने सरकारी कॉलेज लाहौर से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।

अापको बता दें कि देव आनंद ने बॉलीवुड में दो दशक तक राज किया। अभिनय के साथ ही उन्होंने लेखन, निर्देशन, फिल्म निर्माण में न केवल अपना हाथ आजमाया, बल्कि सफलता के शिखर को भी छुआ। उनकी अदा इतनी आकर्षक थी कि लोग उनकी एक झलक पाने को बेताब रहते थे। लड़कियों के बीच वह खासतौर पर लोकप्रिय थे।

देव आनंद को फिल्म में पहला मौका 1946 में प्रभात स्टूडियो की फिल्म ‘हम एक हैं’ में मिला। हालांकि फिल्म फ्लॉप होने से दर्शकों के बीच वह अपनी पहचान नहीं बना सके। इसी फिल्म के निर्माण के दौरान प्रभात स्टूडियो में उनकी दोस्ती गुरुदत्त से हो गई। दोनों में तय हुआ कि जो पहले सफल होगा, वह दूसरे को सफल होने में मदद करेगा, और जो भी पहले फिल्म निर्देशित करेगा, वह दूसरे को अभिनय का मौका देगा।

वर्ष 1948 में प्रदर्शित फिल्म ‘जिद्दी’ देव आनंद के फिल्मी करियर की पहली हिट फिल्म साबित हुई। इस फिल्म की कामयाबी के बाद उन्होंने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में कदम रखा और ‘नवकेतन बैनर’ की स्थापना की।

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DevanandBirthdayNavketan Films

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