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MOVIE REVIEW: 'कैदी बैंड'

Updated 25 August, 2017 02:21:21 PM

फिल्म "क़ैदी बैंड" आज सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है।

मुंबई: फिल्म "क़ैदी बैंड" आज सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। निर्देशक हबीब फैजल की फ़िल्म क़ैदी बैंड कहानी है अंडर ट्रायल्स की। यह अंडर ट्रायल किसी ने अपराध किया है या नहीं इस के फैसले के इंतजार में जेल में रहते हैं। न्यायपालिका में मेनफोर्स की कमी के कारण यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है। हजारों अंडर ट्रायल्स अपनी ज़िंदगी के फैसले के इंतजार में सालों साल कैद मे सड़ते रहते हैं! गंभीर मुद्दे पर किसी भी गंभीरता के बगैर निर्देशक हबीब फैजल ने एक लव स्टोरी को बुना है।

जेल में महिला और पुरुष जेल के कुछ अंडर ट्रायल को मिलाकर एक बैंड बनाया जाता है। इस बैंड में संजू (आदर जैन)और बिंदु (आन्या सिंह) हैं जो फ़िल्म के नायक-नायिका हैं। बैंड का लक्ष्य है 15 अगस्त को देश भक्ति का गीत प्रस्तुत करना लेकिन, पता नहीं क्यों मुख्य अतिथि के तौर पर आए मंत्री उस बैंड को चुनाव तक ज़िंदा रखना चाहते हैं और इस मौके का फायदा उठाकर यह बैंड दुनियाभर में प्रसिद्ध हो जाता है। इस बीच पनपति है हमारे हीरो हीरोइन की प्रेम कहानी। बैंड की आड़ में यह लोग जेल से भागने का प्लान बनाते हैं ताकि दुनिया को अंडर ट्रायल की समस्या से रु-ब-रु करा सके। इसमें वह सफल होते हैं या नहीं इसी कहानी पर बनी है कैदी बैंड। 

फ़िल्म शुरू होते ही लगता है फ़िल्म निर्देशक वाकई कुछ अलग लेकर आ रहे हैं। लेकिन, फ़िल्म शुरू होने के बाद 5 मिनट में ही यह समझ में आ जाता हैे कि इस तरह की फ़िल्म का आईडिया किसी हॉलीवुड फ़िल्म को देखकर आया है और इसका भारतीयकरण बिल्कुल जल्दबाजी में और बचकाने तरीके से बिना भारतीय व्यवस्था को समझे किया गया है। फ़िल्म का संगीत अच्छा है। कुछ गाने वाकई दिल को छू लेते हैं मगर, उनका चित्रण बहुत ही फॉल्स है। कुल मिलाकर निर्देशक हबीब फैजल की फ़िल्म कैदी बैंड एक कमजोर फ़िल्म है।
 

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