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पद्मावती के बढ़ते विवाद पर फिल्म की रिलीज़ मुश्किल ही नहीं, है नामुमकिन

Updated 29 November, 2017 02:39:46 PM

फिल्ममेकर संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती की मुश्किलें हर दिन बढ़ती ही जा रही है। राजनीतिक दल, सामाजिक संगठन, रॉयल फैमिली, धर्म के ठेकेदारों की खिलाफत इस फिल्म के लिए देखने को मिल रही है। बात सिर्फ यही तक सीमित होती तो भी पद्मावती की रिलीज की हम गुंजाइश कर सकतें। वहाँ सेंसर बोर्ड है कि चुप्पी साधे बैठा है। उसे भी इस देश की शांती का पूरा ख्याल है।

मुंबई: फिल्ममेकर संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती की मुश्किलें हर दिन बढ़ती ही जा रही है। राजनीतिक दल, सामाजिक संगठन, रॉयल फैमिली, धर्म के ठेकेदारों की खिलाफत इस फिल्म के लिए देखने को मिल रही है। बात सिर्फ यही तक सीमित होती तो भी पद्मावती की रिलीज की हम गुंजाइश कर सकतें। वहाँ सेंसर बोर्ड है कि चुप्पी साधे बैठा है। उसे भी इस देश की शांती का पूरा ख्याल है। अगर फिल्म के हित में फैसला लिया तो उपद्रव मचेगा और अगर फिल्म के खिलाफ फैसला लिया तो फिल्म इंडस्ट्री की नाराजगी झेलनी होगी। मिलाजुलाकर पद्मवाती फिल्म की रिलीज का काम ठप्प पड़ा हुआ है। 

पद्मावती रिलीज होना नामुमकिन है, ऐसा इसलिए भी लग रहा है क्योकि एक के बाद एक इस देश के राज्य भी फिल्म की खिलाफत में जुट गए हैं। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, बिहार वो राज्य है जहाँ पद्मावती पर बैन लगा दिया गया है। नाहर गढ़ किले पर भी बीते शुक्रवार सुबह एक 40 वर्षीय शख्स का शव लटका मिला। शव के पास पत्थर पर पद्मावती के विरोध में संदेश लिखे हुए थे। वहीं, नई दिल्ली में एक मेट्रो स्टेशन के बाहर कुछ लोगों ने फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली का पुतला भी जलाया। भंसाली और दीपिका पादुकोण के सिर काटने वाले को 10 करोड़ रूपये दिए जाएंगे, इस तरह की घोषणाएं की गई। इस समय फिल्म से जुड़े सभी पात्रो के घर पुलिस तैनात की गई हैं ताकि उनकी सुरक्षा की जा सके। न्यूज़ चैनलों पर रोजाना ही आधे घंटे का डिबेट चलता है। गुजरात राज्य में इलेक्शन होने हैं। यूपी में तो निकाय चुनाव चल ही रहें हैं। आजतक इतने बड़े लेवल पर किसी भी फिल्म का विरोध नहीं किया गया है और ना ही आजतक किसी फिल्म की वजह से किसी की ह्त्या की गई है। 

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