इंडियन सिनेमा और थिएटर के शहंशाह, पृथ्वीराज कपूर को दोनों क्षेत्रों में बड़ा नाम माना जाता है। थियेटर और सिनेमा की दुनिया में उनका अपार योगदान है।
03 Nov, 2019 12:29 PMबॉलीवुड तड़का डेस्क। इंडियन सिनेमा और थिएटर के शहंशाह, पृथ्वीराज कपूर को दोनों क्षेत्रों में बड़ा नाम माना जाता है। थियेटर और सिनेमा की दुनिया में उनका अपार योगदान है। उन्होंने हिंदी सिनेमा के साइलेंट एरा में एक्टिंग से अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद वह भारत की पहली बोलती फिल्म, आलम आरा का भी हिस्सा थे। कपूर ने 1944 में पृथ्वी थिएटर की स्थापना की, जो एक ट्रैवलिंग थिएटर कंपनी थी। इस कंपनी का सबसे प्रमुख प्रदर्शन महाकवि कालिदास द्वारा लिखा गया 'अभिज्ञानशाकुंतलम' था।
कपूर परिवार में उनके बाद की तीन पीढ़ियों ने फिल्म और थिएटर इंडस्ट्री में अपनी विरासत को आगे बढ़ाया है। उन्हें इंडियन सिनेमा में उनके योगदान के लिए 1969 में 'पद्म भूषण' और 1971 में 'दादा साहब फाल्के पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था।
पृथ्वीराज कपूर का जन्म 3 नवंबर 1906 को हुआ था। उनकी 113th बर्थडे पर आइए, सिनेमा की दुनिया में उनके 5 सबसे बेहतरीन योगदानों पर एक नज़र डालते हैं।
इंकलाब-
1935 में रिलीज हुई इस फिल्म के डायरेक्टर देबाकी बोस थे और इसमें पृथ्वीराज कपूर, दुर्गा खोटे और सैयद मोहम्मद ने एक्टिंग की थी। फिल्म का सेट बिहार के भूकंप का है।
आनंद मठ-
बंकिम चंद्र चटर्जी के प्रसिद्ध बंगाली उपन्यास पर आधारित, आनंद मठ 1952 की ऐतिहासिक देशभक्ति फिल्म है। इसमें पृथ्वीराज कपूर, भारत भूषण, गीता बाली, प्रदीप कुमार और अजीत प्रमुख भूमिका में हैं।
आवारा-
यह फिल्म उनके करियर की पुरानी रिलीज में से एक थी। बेटे राज कपूर द्वारा डायरेक्टेड, पृथ्वीराज कपूर ने धनी डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट की भूमिका निभाई। फिल्म सफल हुई और इसे कान फिल्म समारोह में पाल्मे डी'ओर के लिए नॉमिनेट भी किया गया।
मुगल-ए-आजम-
यह फिल्म प्रिंस सलीम (जिसे बाद में जहांगीर के नाम से जाना गया) और एक खूबसूरत दरबारी डांसर अनारकली की प्रेम कहानी के ऊपर बनी है। फिल्म में पृथ्वीराज कपूर ने सलीम के पिता अकबर की भूमिका निभाई, जो अनारकली को जेल में डाल देता है। मुगल-ए-आज़म ने भारत में बॉक्स ऑफिस के रिकॉर्ड को तोड़ दिया था, फिल्म आज भी बेजोड़ है। यह शायद पृथ्वीराज कपूर की सबसे यादगार भूमिका थी।
कल आज और कल-
पोते रणधीर कपूर द्वारा डायरेक्टेड, इस फिल्म की सबसे बड़ी यूएसपी कपूर परिवार की तीन पीढ़ियों की उपस्थिति थी - पृथ्वीराज कपूर, उनके बेटे राज कपूर और उनके बेटे रणधीर कपूर। यह इन दिग्गज कलाकारों की अंतिम फिल्मों में से एक थी क्योंकि इस फिल्म की रिलीज के बाद उनकी मृत्यु हो गई।